
तिरुवनंतपुरम: केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक बड़ा फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि पेट्रोल पंपों पर बने शौचालय आम जनता के इस्तेमाल के लिए नहीं हैं. यह फैसला जस्टिस सी.एस. डायस ने पेट्रोलियम व्यापारियों के एक संगठन और कई पंप मालिकों की याचिका पर दिया है.
क्या था मामला?
दरअसल, केरल सरकार और स्थानीय निकाय पेट्रोल पंपों पर बने शौचालयों को सार्वजनिक सुविधा के तौर पर देख रहे थे. इस पर पेट्रोल पंप मालिकों को आपत्ति थी. पंप मालिकों ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि उनके पंपों पर बने निजी शौचालय सिर्फ ग्राहकों की आपातकालीन जरूरतों के लिए हैं, न कि आम जनता के लिए खुले रखने के लिए.
कोर्ट का क्या कहना है?
कोर्ट ने पंप मालिकों की दलीलों से सहमति जताई. अपने अंतरिम आदेश में, कोर्ट ने राज्य सरकार और तिरुवनंतपुरम नगर निगम को निर्देश दिया है कि वे याचिकाकर्ताओं के पेट्रोल पंपों पर बने शौचालयों को आम जनता के इस्तेमाल के लिए मजबूर न करें.
इस निर्देश के साथ, कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को तय की है. यह फैसला पेट्रोल पंप मालिकों के लिए एक राहत की बात है, वहीं आम जनता के लिए अब सार्वजनिक शौचालयों की उपलब्धता एक मुद्दा बन सकती है.