सीएम अरविंद  केजरीवाल का बड़ा फैसला, दिल्ली के 2 अस्पतालों को आंशिक कोविड केयर सेंटर में बदला जाएगा
स्वास्थ मंत्री सत्येंद्र जैन (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली, 31 दिसंबर: राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के नए मामलों की गिरती संख्या का हवाला देते हुए दिल्ली (Delhi) के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) और लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल को आंशिक कोविड केयर सेंटर में बदलने का फैसला किया है. जैन ने कहा कि कोविड रोगियों के लिए आरक्षित बिस्तरों का अधिवास (ऑक्युपेंसी) अभी एक सहज स्तर पर है और इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने दो समर्पित कोविड अस्पतालों को आंशिक कोविड देखभाल केंद्रों में बदलने का निर्णय लिया है.

जैन ने कहा, दिल्ली में पॉजिटिविटी दर घटकर 0.8 प्रतिशत हो गई है, जो कि सात नवंबर को 15.26 प्रतिशत थी. अगर हम कोविड-19 के लिए 1,000 नमूनों का परीक्षण करते हैं, तो उनमें से केवल आठ लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भी अब ऑक्युपेंसी काफी कंफर्टेबल है और कोविड मरीजों के लिए आरक्षित लगभग 85 प्रतिशत से ज्यादा बेड खाली हैं. उन्होंने कहा, वर्तमान परि²श्य के मद्देनजर हम जीटीबी और एलएनजेपी को आंशिक कोविड देखभाल अस्पतालों में बदल रहे हैं.यह भी पढ़े: Delhi: सीएम अरविंद केजरीवाल का बड़ा ऐलान, स्कूल खुलने तक 8 लाख बच्चों को मिलेगा सूखा राशन.

जैन ने आश्वासन दिया कि अन्य समर्पित कोविड अस्पतालों को भी आंशिक या गैर-कोविड सुविधाओं में बदल दिया जाएगा. उन्होंने कहा, इसमें कुछ समय लगेगा, लेकिन आखिरकार गैर-कोविड रोगियों के लिए ऐसी सभी सुविधाएं जल्द ही खोली जाएंगी. एलएनजेपी, जीटीबी और इन अस्पतालों से जुड़े शिक्षण संस्थानों के डॉक्टर लंबे समय से दोनों अस्पतालों की स्थिति को पूरी तरह से कोविड सुविधाओं से आंशिक या गैर-कोविड देखभाल केंद्रों में बदलने की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि एलएनजेपी करीब 2,000 बेड की क्षमता के साथ देश का सबसे बड़ा कोविड अस्पताल है. मार्च महीने से यहां पर ओपीडी सेवाएं बंद हैं. दिल्ली सरकार का गुरु तेग बहादुर (Guru Tegh Bahadur) अस्पताल भी करीब 1500 बेड का कोविड अस्पताल है और यहां कोरोना का इलाज शुरू होने के साथ ही ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई थी.

यूसीएमएस-जीटीबी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष डॉ. संदीप यादव (Dr. Sandeep Yadav) ने फैसले का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि जिन छात्रों के नैदानिक अध्ययन (क्लीनिकल स्टडी) में महामारी के दौरान बाधा उत्पन्न हुई, वे अब अपनी प्रैक्टिकल कक्षाओं को फिर से शुरू कर सकते हैं.