कर्नाटक लिंगायत मठ सेक्स स्कैंडल: जमानत याचिका पर आज सुनवाई करेगी कोर्ट
लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू

चित्रदुर्ग, (कर्नाटक) 1 सितम्बर : कर्नाटक की एक जिला अदालत गुरुवार को लिंगायत मठ सेक्स कांड के आरोपी संत की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी, जबकि राज्य पुलिस पर उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का दबाव है. कर्नाटक के चित्रदुर्ग में मुरुघा मठ के लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुथी मुरुघ शरणारू के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई के संबंध में चित्रदुर्ग एसपी परशुराम से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) और राज्य बाल आयोग ने पूछताछ की है. यौन उत्पीड़न मामले में एनसीपीसीआर ने एसपी से 9 सवालों के जवाब मांगे हैं और सात दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है. एनसीपीसीआर और राज्य बाल आयोग ने इस संबंध में स्वत: संज्ञान लिया है.

मामले में शुरू की गई कार्रवाई, नाबालिग पीड़ितों की वर्तमान स्थिति, जांच में प्रगति, पीड़ितों द्वारा सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान, उनकी सुरक्षा कैसे की जाती है और अन्य मुद्दों पर विस्तृत जानकारी मांगी गई है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांच अधिकारी गुरुवार को पीड़ित लड़कियों से स्थानीय अदालत में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराएंगे. जांच अधिकारी आरोपी संत को नोटिस जारी कर सकता है या पूछताछ के लिए उसे हिरासत में ले सकता है. पुलिस विभाग ने अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को मठ परिसर में भेज दिया है और एनसीपीसीआर के नोटिस के बाद मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया है. यह भी पढ़ें : गुरुग्राम प्रशासन ने 17 बहुमंजिला सोसायटी के संरचनात्मक ऑडिट का आदेश दिया

सूत्रों ने यह भी बताया कि पीड़ित लड़कियों की मेडिकल रिपोर्ट भी पुलिस के पास उपलब्ध है. चित्रदुर्ग का द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायालय जमानत याचिका पर फैसला करेगा, जिस पर पुलिस विभाग द्वारा आपत्ति किए जाने की संभावना है. मामले में पुलिस की निष्क्रियता की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है. विपक्षी कांग्रेस और अन्य दलों की मूक चुप्पी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सत्तारूढ़ भाजपा इस मुद्दे को लेकर सतर्कता बरत रही है क्योंकि वह आगामी विधानसभा चुनावों में कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं है.

आरोपी मुरुघा संत पर चित्रदुर्ग के मुरुघा मठ के छात्रावास में रहने वाली दो नाबालिग लड़कियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप है. यौन शोषण के मामले में मिलीभगत के आरोप में हॉस्टल वार्डन व कनिष्ठ पुजारी समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. लड़कियां न्यायिक जांच की मांग कर रही हैं और पुलिस से कहा है कि उनके पास वीडियो हैं और न्यायिक जांच के आदेश दिए जाने पर ही उन्हें जमा किया जाएगा. पुलिस सूत्रों के अनुसार, पीड़ितों ने कहा कि यौन उत्पीड़न से पहले उन्हें नशीला पदार्थ दिया गया था, लेकिन उन्हें याद था कि क्या हो रहा है.