कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद (Hijab Controversy) पर राजनीति लगातार बढ़ती जा रही है. इस बीच कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने से रोके जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाई कोर्ट की बेंच गुरुवार को सुनवाई करेगी. मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी ने बुधवार रात को इस मामले की सुनवाई के लिए पूर्ण बेंच गठित की, जिसमें उनके अलावा न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित और न्यायमूर्ति के जे मोहिउद्दीन शामिल हैं.
इससे पहले, इस मामले की सुनवाई कर रहे कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीक्षित की सिंगल बेंच ने बुधवार को इस मामले को मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी के पास भेज दिया था. इस बीच, कर्नाटक के हिजाब विवाद की गूंज बुधवार को देशभर में सुनाई दी.
कर्नाटक में हिजाब को लेकर जारी विवाद के चलते अब स्कूल-कॉलेज 11 फरवरी तक लिए बंद हैं. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सभी स्टूडेंट्स, टीचर्स और स्कूल-कॉलेज मैनेजमेंट से शांति बनाए रखने की भी अपील की है.
इस बीच कर्नाटक सरकार ने स्पष्ट किया है कि सरकारी स्कूलों में न तो हिजाब के पक्ष में है और न केसरिया के. प्रदेश के राजस्व मंत्री अशोक ने कहा, ''छात्र सड़कों पर जो चाहें पहन सकते हैं, लेकिन स्कूलों में ड्रेस कोड अनिवार्य है. हमने छात्रों की सुरक्षा के लिए एहतियात के तौर पर स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए हैं.
क्या है हिजाब विवाद?
कर्नाटक सरकार का कहना है कि स्कूल और कॉलेज पढ़ने की जगह है और यहां किसी को भी अपने धर्म का पालन नहीं करना चाहिए. सरकार का कहना है कि स्कूल-कॉलेजों में न तो हिजाब पहनकर आ सकते हैं और न ही भगवा गमछा. मुस्लिम छात्राएं इस आदेश का विरोध कर रही हैं. उन्होंने इसे धार्मिक स्वतंत्रता करार दिया. इसके बाद हिजाब के विरोध में कुछ छात्रों ने भगवा गमछे या शॉल पहनने शुरू कर दिया. इससे विवाद और बढ़ गया. मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. इस मामले पर सियासत लगातार जारी है.













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