बेंगलुरु : कर्नाटक (Karnataka) में बारिश से राहत ना मिलने के कारण शनिवार को बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई. राज्य में ज्यादातर नदियां उफान पर हैं. मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (B. S. Yediyurappa) ने राज्य के लोगों से चिंता ना करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि सरकार की शीर्ष प्राथमिकता राहत कदम उठाना हैं. उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र स्थिति की निगरानी कर रहा है.
येदियुरप्पा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘राहत एवं पुनर्वास के काम हमारी शीर्ष प्राथमिकता हैं. किसानों और लोगों को चिंता करने की जरुरत नहीं है.’’ राज्य में अभी तक बाढ़ और बारिश से संबंधित घटनाओं में 12 लोगों की मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने बाढ़ और बारिश से संबंधित घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवारों में से प्रत्येक को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की शुक्रवार को घोषणा की.
वित्त विभाग ने तत्काल राहत के तौर पर 100 करोड़ रुपये जारी किए हैं. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूदा स्थिति का आकलन करने के लिए बाढ़ और बारिश से प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी.बेलागवी के अलावा बागलकोट, विजयपुरा, रायचुर, यादगीर, गडग, उत्तर कन्नड़, हावेरी, हुबली-धारवाड़, दक्षिण कन्नड़, चिकमंगलुरु और कोडागु बाढ़ तथा बारिश से प्रभावित जिले हैं.
दावणगेरे जिले के तुंगभद्र में बाढ़ के कारण कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सक्लेश्पुर में मरानाहल्ली के समीप भूस्खलन हुआ. धर्मस्थल और मंगलुरु की ओर जा रहे वाहनों को भूस्खलन की आशंका के चलते सक्लेश्पुर मोड़ दिया गया.
सूत्रों ने बताया कि दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रवती नदी के उफान पर होने के कारण पूरा पाणे मंगलुरू गांव जलमग्न हो गया. खबरों के अनुसार, जिले में बंटवाल में कई मकान डूब गए जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री जर्नादन पुजारी का मकान भी शामिल है.
हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को बचा लिया गया. सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में चार हेलीकॉप्टरों को काम में लगाया गया है. अधिकारियों ने बताया कि असैन्य रक्षा स्वयंसेवकों ने तीन नौकाओं में पिछले छह घंटे में 36 फेरे लगाए और 270 लोगों तथा 43 मवेशियों को बचाया.