कर्नाटक (Karnataka) के चित्रदुर्ग (Chitradurga) में एक प्राइमरी स्कूल (Primary School) में उस वक्त हड़कंप मच गया जब मिड-डे मील का खाना खाने के बाद बच्चों को पेट दर्द और मतली आने लगी. तकरीबन 60 छात्रों (60 Students ) अचानक बीमार पड़ गए. जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां पर उनका इलाज किया जा रहा है. फिलहाल अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बच्चे किस वजह से बीमार पड़े हैं. लेकिन मामले के जांच शुरू कर दी गई हैं. उधर स्कूल में बच्चों की तबीयत बिगड़ने की सूचना पर मिलने पर अस्पताल में अभिभावकों की भीड़ इकठ्ठा हो गई है. फिलहाल उच्च अधिकारियों ने मामला संज्ञान में लिया है. मिड-डे मील मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के तहत आती है.
बता दें कि मिड डे मील कार्यक्रम एक केन्द्रीय प्रवृत्ति योजना के रूप में 15 अगस्त 1995 को पूरे देश में लागू की गई थी. देशभर में तीन साल के दौरान मिड-डे मील ( Mid Meal ) खाने से 900 से अधिक बच्चों के बीमार होने के मामले सामने आए हैं. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी एक रिपोर्ट में दिया था. मंत्रालय को इस अवधि के दौरान भोजन की घटिया गुणवत्ता के संबंध में 15 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से 35 शिकायतें मिली. देशभर में ऐसा भोजन खाने से बीते तीन साल और मौजूदा साल के दौरान कुल 930 बच्चों के बीमार पड़ने के मामले सामने आए.
Karnataka: More than 60 students of a primary school in Chitradurga admitted to hospital today. Students complained of stomach ache and vomiting allegedly after consuming mid meal at school. pic.twitter.com/POZ7dA8ASN
— ANI (@ANI) November 6, 2019
गौरतलब हो कि साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, ओडिशा और जम्मू और कश्मीर पर अपने राज्यों की मिड-डे मील योजना का ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराने पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.