कल का मौसम: दिल्ली-एनसीआर में तेज धूप और उमस का असर, इन राज्यों में बारिश
कल का मौसम

कल का मौसम: दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में अगले कुछ दिन मौसम में कोई खास बदलाव नहीं होगा. दिन के समय तेज धूप और उमस बनी रहेगी, जिससे लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ेगा. हालांकि, सुबह और शाम के समय तापमान में हल्की गिरावट देखी जा रही है, जिससे थोड़ी राहत महसूस की जा सकती है. 8 अक्टूबर को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा.

20 अक्टूबर के बाद धीरे-धीरे ठंड बढ़ने की संभावना है, लेकिन फिलहाल मौसम में दिन के समय गर्मी जारी रहेगी. इस स्थिति में, लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और धूप में ज्यादा समय न बिताएं.

राजस्थान में बारिश और चक्रवात का असर

मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान के कुछ हिस्सों में अगले दो दिन हल्की बारिश हो सकती है. यह बारिश अलग-अलग इलाकों में होगी, जिससे मौसम में थोड़ी राहत मिलेगी. वहीं, बीते 24 घंटों में केरल, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, तटीय कर्नाटक और बिहार में तेज बारिश दर्ज की गई है.

8 अक्टूबर को दक्षिण केरल और लक्षद्वीप के आसपास चक्रवात आने का अनुमान है. इसके अलावा, 7 अक्टूबर को सुबह दक्षिणपूर्व अरब सागर, उत्तरी तटीय तमिलनाडु और लक्षद्वीप के क्षेत्रों में भी चक्रवात की आशंका जताई जा रही है. इसलिए इन इलाकों में सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है.

इन राज्यों में बारिश के आसार

मौसम विभाग के मुताबिक, 8 से 11 अक्टूबर के बीच केरल, माहे, तमिलनाडु, लक्षद्वीप और दक्षिणपूर्व भारत के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है. इसके अलावा, कर्नाटक, रायलसीमा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और यनम में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, पुडुचेरी और कराईकल के क्षेत्रों में भी तेज बारिश के आसार हैं.

तेज हवाओं का अलर्ट, मछुआरों को सलाह

मौसम विभाग ने 8 से 11 अक्टूबर के बीच मालदीव, लक्षद्वीप, कोमोरिन और दक्षिण-पूर्व अरब सागर के कुछ हिस्सों में 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई है. इसके अलावा, केरल और कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों, मन्नार की खाड़ी और मध्य अरब सागर में 12 से 14 अक्टूबर के बीच तेज हवाएं चलेंगी.

मछुआरों और आम लोगों को इन दिनों में इन क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी गई है, ताकि किसी भी संभावित नुकसान से बचा जा सके. तेज हवाओं और चक्रवाती प्रभाव से समुद्र में स्थिति खतरनाक हो सकती है, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से सतर्कता बेहद जरूरी है.