प्रतिबंधों के साथ महाराष्ट्र में मनाया जा रहा है जन्माष्टमी उत्सव
प्रतीकात्मक तस्वीर, (Photo Credits: Twitter)

मुंबई, 30 अगस्त: केंद्र द्वारा अनुशंसित कोविड (Covid) प्रतिबंधों के साथ महाराष्ट्र (Maharashtra) के अधिकांश हिस्सों में बारिश के कारण भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के जन्मदिन (Birthday) को 'जन्माष्टमी' (Janmashtami) और 'दही-हांडी' (Dahi-Handi) के रूप में मनाया जा रहा है. गिरगांव (Girgaon) और जुहू (Juhu) में इस्कॉन मंदिरों (Iskcon Temple) सहित मुंबई के करोड़ों कृष्ण मंदिरों (Krishna Temple) को चमकदार रोशनी, फूलों (Flower) से सजाया गया है, देवताओं ने नए परिधान पहने. हालांकि कोविड -19 (Covid-19) प्रोटोकॉल (Protocal) कारण उत्सव के लिए कोई भक्त मौजूद नहीं है. अधिकांश मंदिरों ने भक्तों के लिए अपने घरों से सुरक्षित रूप से त्योहार (Festival) मनाने के लिए लाइव 'आरती', (Aarti) ऑनलाइन (Online) 'दर्शन' (Visit) और दान और अन्य सुविधाओं का आयोजन किया है, क्योंकि कोरोना 'तीसरी लहर' (Third Wave) नजदीक हो सकती है. यह भी पढे: दिल्ली: जन्माष्टमी के मौके पर ग्रेटर कैलाश स्थित ISKCON मंदिर पहुंच रहे श्रद्धालु, लेकिन अंदर आने की अनुमति नहीं

मंदिरों और अन्य पूजा स्थलों को लगातार बंद करने का विरोध करते हुए, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने मंदिरों को फिर से खोलने की मांग करते हुए पूरे राज्य में 'शंखनाद' आंदोलन शुरू किया. मुंबई, ठाणे, पालघर, पुणे, नासिक, कोल्हापुर, औरंगाबाद और अन्य जिलों में कई भाजपा कार्यकतार्ओं, पुजारियों, महिला भक्तों और अन्य लोगों ने लोगों की धार्मिक आस्था को जानबूझकर रौंदने के लिए नारे लगाते हुए, नारे लगाते हुए, काली तख्तियां और पोस्टर लेकर महा विकास अघाड़ी सरकार की खिंचाई की. भाजपा का आंदोलन बमुश्किल चार दिन बाद आया जब केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने महाराष्ट्र सरकार को संदेश दिया कि वह दही-हांडी और गणेशोत्सव त्योहारों के लिए भीड़-भाड़ वाले उत्सवों पर अंकुश लगाने के लिए कहें.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने पहले ही चेतावनी दी है कि तीसरी लहर राज्य में 6 मिलियन (60 लाख) से अधिक मामलों में संभावित 'सुनामी' हो सकती है, या 2020 में पहली लहर में तीन गुना आंकड़े और इससे अधिक हो सकती है. कुछ भाजपा कार्यकतार्ओं ने आरोप लगाया कि मंदिरों के शटर गिरा दिए गए है, जबकि अन्य पूजा स्थलों जैसे मस्जिदों या चचरें को काम करने की अनुमति दी गई थी क्योंकि एमवीए सरकार अल्पसंख्यकों को खुश करना चाहती है और जबरन मंदिरों में प्रवेश करने की धमकी दी है.