श्रीनगर, 12 दिसंबर: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में कड़ाके की ठंड (Bitter Cold) जारी है और महीने के अंत तक भारी बारिश/बर्फबारी (Heavy Rain/Snowfall) की कोई संभावना नहीं दिख रही है. घाटी में न्यूनतम तापमान लगातार शून्य से कई डिग्री नीचे बना हुआ है. श्रीनगर में माइनस 3.6 डिग्री सेल्सियस, पहलगाम में माइनस 4.6 और गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य रहा. वहीं, जम्मू में 8.5, कटरा में 9.4, बटोटे में 6.3, बनिहाल में 4.2 और भद्रवाह में 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
लंबे समय से बारिश/बर्फबारी न होने की वजह से कश्मीर में कई गंभीर समस्याएँ उभर आई हैं. बारिश और बर्फ की कमी के कारण सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर (SPM) नीचे की धुंध के साथ मिलकर खासकर श्रीनगर और आसपास के इलाकों में स्मॉग बना रहा है. इससे AQI खराब हो गया है और बड़ी संख्या में लोग छाती से संबंधित बीमारियों का सामना कर रहे हैं, जो ठंडी हवाओं से और बढ़ रही हैं. पल्मोनोलॉजिस्ट्स ने लोगों को सलाह दी है कि वे सुबह-शाम घर से निकलते समय गर्म कपड़े पहनें और गले व चेहरे को अच्छी तरह ढकें. यह भी पढ़ें: बर्फ की चादर से ढका कश्मीर, गुलमर्ग, अनंतनाग, गुरेज घाटी में जमकर हुई बर्फबारी; Video
COPD जैसे सीने की बीमारियों से जूझ रहे मरीज इस चरम ठंड में सबसे ज्यादा जोखिम में हैं. घाटी में सभी नदियों, झीलों, नालों, कुओं और चश्मों का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. झेलम नदी, जो घाटी को दक्षिण से उत्तर तक काटती है, लगभग तलहटी को छू रही है.
मौसम विभाग (MeT) के मुताबिक, फिलहाल बारिश या बर्फबारी की कोई बड़ी संभावना नहीं है. केवल कुछ कमजोर वेस्टर्न डिस्टर्बेंसेज़ से ऊपरी इलाकों में हल्की बर्फबारी या बारिश हो सकती है, लेकिन महीने के अंत तक बड़े मौसम बदलाव की उम्मीद नहीं है.
कश्मीर में सर्दी का कहर जारी, तापमान शून्य से नीचे
Srinagar, Jammu & Kashmir: Winter chill tightens grip over Kashmir with sub-zero temperatures and dense morning haze. IMD forecasts light snowfall from tomorrow pic.twitter.com/gKjve0uIaW
— IANS (@ians_india) December 12, 2025
डल झील पर घना कोहरा दिखा
#WATCH | Srinagar, J&K | Dense fog seen at the Dal Lake as cold wave continues to grip the Kashmir Valley. Temperatures remain at sub-zero levels. pic.twitter.com/moxA4pmzZx
— ANI (@ANI) December 12, 2025
हर साल 21 दिसंबर से शुरू होकर 30 जनवरी तक चलने वाला 40 दिन का कड़कड़ाती ठंड का दौर ‘चिल्लई कलां’ भी करीब है. इस दौरान झीलें, नदियाx और पानी के स्रोत आंशिक रूप से जम जाते हैं और अधिकतम व न्यूनतम तापमान में अंतर कम हो जाता है, जिससे बेहद कठोर सर्दी का असर दिखता है.













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