जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) से धारा 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद अब ये मामाल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. दरअसल धारा 370 हटाये जाने बाद सूबे में टेलीफोन, मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं. इसके साथ ही मीडिया के कामकाज पर लगायी गयी पाबंदियों को हटाने की मांग करते हुए कश्मीर टाइम्स (Kashmir Times Editor) की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन ( Anuradha Bhasin) ने याचिका दाखिल की थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट अंतिम सुनवाई 10 दिसंबर को करेगी. वहीं केंद्र सरकार अदातल ने कहा है कि वह इस मामले में 22 नवंबर को जवाबी हलफनामा दाखिल करे.
अनुराधा भसीन ने कहा था कि इन समस्याओं के चलते हम कश्मीर टाइम्स के श्रीनगर संस्करण का प्रकाशन नहीं हो पा रहा है. जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर जा पहुंचा था. अब इस मामले पर दिसंबर में फाइनल सुनवाई होगी और फैसला भी जल्द आने की उम्मीद जताई जा रहा ही है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर की गईं करीब 12 अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई हुई. जिसके बाद अदालत ने अब 10 दिसंबर की तारीख को चुना है. बता दें कि पिछले एक सप्ताह में कई बड़े मसलो पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना चूका है. जिसमें अयोध्या का मामला भी शामिल है. इसके साथ ही राफेल सौदा मामले में जांच की मांग वाली समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया. इसके आलावा सबरीमाला मंदिर और अन्य धार्मिक स्थानों पर महिलाओं के प्रवेश के मामले को सात सदस्यीय पीठ के पास भेज दिया है. साथ ही राफेल अवमानना मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मामला बंद करने का आदेश दिया है. यह भी पढ़ें:- राफेल मामला: मोदी सरकार को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिकाओं को किया खारिज
Supreme Court hearing a batch of petitions filed by Kashmir Times Editor, Anuradha Bhasin & others fixed for final hearing in the case on December 10, with respect to restrictions on communication&other restrictions after abrogation of Article 370 in Jammu&Kashmir.
— ANI (@ANI) November 14, 2019
गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ने 5 अगस्त को संसद के माध्यम से अनुच्छेद 370 (Article 370) को रद्द करते हुए जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया था और प्रदेश को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. 31 अक्टूबर यह निर्णय प्रभाव में आया है.