श्रीनगर:- जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के कुलगाम में रविवार को चेकिंग के दौरान एक गाड़ी से डीएसपी देवेंद्र सिंह (DSP Davinder Singh) के साथ हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) के आतंकवादी नावेद बाबू (Naveed Baba) और अल्ताफ को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद पूरे सुरक्षा महकमे में हड़कंप मच गया था. वहीं इस गिरफ्तारी के बाद से लगातार सुरक्षा एजेंसियां देवेंदर सिंह से पूछताछ कर रही है. इसी बीच खबर यह भी आ रही है कि डीएसपी देवेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. इसी बीच देवेंद्र सिंह के हिजबुल आतंकवादियों के साथ दिल्ली जाने को लेकर पूछताछ करने पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह या उसके पहले बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम दिए जाने का संकेत मिला है.
बता दें कि देवेंद्र सिंह, श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उप पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात था. गिरफ्तारी के बाद उसके श्रीनगर हवाईअड्डा पर स्थित उनके कार्यालय को सील कर दिया गया है. इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक दविंदर सिंह श्रीनगर के इंदिरानगर इलाके जो की सबसे सेफ जगह माना जाता है वहां पर एक आलीशान घर बनवा रहा था. लेकिन खुफिया विभाग को डीएसपी देवेंद्र सिंह की गतिविधियों पर पहले से शक था.
जिसके बाद ट्रैप लगाया गया और कुलगाम जिले के काजीगुंड में श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे से पकड़ा गया. तलाशी के दौरान कार में आतंकियों को गिरफ्तार किया, इसके साथ-साथ एके-47, 5 हैंड ग्रेनेड, एक पिस्टल और अन्य हथियार तथा गोला-बारूद बरामद किया गया था. सूत्रों की माने तो देवेंदर सिंह अपने साथ आतंकियों को अपने घर लेकर गया था जहां उन्होंने रात गुजारी. खुद डीएसपी देवेंद्र सिंह ने शुक्रवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां से आतंकियों लाया था.
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राष्ट्रपति पुरस्कार से किया गया था सम्मानित
देवेंद्र सिंह को बहादुरी के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक मिल चुका है. जो अब वापस लिया जा सकता है. देवेंद्र सिंह जम्मू-कश्मीर पुलिस के आतंकवाद रोधी विशेष अभियान समूह (SOG) में एक सब-इंस्पेक्टर के रूप में शामिल हुआ था. और वह वीरता के लिए प्रतिष्ठित पुलिस पदक हासिल करने के साथ डीएसपी रैंक पर तेजी से पहुंच गया. उसे यह वीरता पुरस्कार आतंकवाद रोधी ड्यूटी के लिए मिला था. देवेंद्र सिंह से अब खुफिया ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग व मिलिट्री इंटेलीजेंस टीम पूछताछ कर रही है.
संसद हमले के मास्टर माइंड अफज गुरु से जुड़ सकते हैं तार
देवेंद्र सिंह का नाम पहली बार संसद हमले के दोषी अफजल गुरु द्वारा अपने बचाव के दौरान कोर्ट में उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जाने पर ग्रे जोन में आया था. लेकिन इसके बाद राज्य पुलिस व खुफिया एजेंसियों ने आतंकवादी के दिमाग की उपज मानकर उन आरोपों को खारिज कर दिया था. अफजल गुरु ने अदालत में हलफनामे में अपने बयान में कहा था कि देवेंद्र सिंह ने प्रताड़ित किया था और परिवार को मारने की धमकी थी.
गुरु ने कहा था कि सिंह ने उसे संसद हमले के आतंकवादियों को जम्मू- कश्मीर से दिल्ली ले जाने के लिए बाध्य किया था और दिल्ली में किराये का कमरा भी लिया था. इसके साथ ही उसने सफेद रंग की सेकेंड हैंड एम्बैसडर कार भी खरीदी थी जिसे आतंकवादियों ने संसद हमले के दौरान इस्तेमाल किया था. अफजल गुरु की ये बातें उस वक्त स्थानीय अखबारों में छपी थी लेकिन पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने इसे आतंकवादी के दिमाग की उपज बताकर नकार दिया था.