श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद पहली बार श्रीनगर (Srinagar) स्थित सिविल सचिवालय भवन पर सिर्फ राष्ट्रीय ध्वज लहरा रहा है. दरअसल प्रशासन ने राजकीय ध्वज को भवन के ऊपर से निकाल दिया है. अब तक श्रीनगर में सिविल सचिवालय भवन पर तिरंगे के साथ आधिकारिक राजकीय ध्वज फहराया जाता था.
जम्मू और कश्मीर राज्य का ध्वज गहरा लाल रंग का है, जिसपर तीन सफेद खड़ी पट्टियां और एक सफेद हल चित्रित हैं. ध्वज का लाल रंग 13 जुलाई, 1931 के कश्मीर आंदोलन के रक्तपात को दर्शाता है, ध्वज की तीन पट्टियां राज्य के तीन अलग-अलग खंडों, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को दर्शाती हैं, तो वहीं हल कृषि के महत्त्व को दर्शाता है। जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत राष्ट्रीय ध्वज के साथ अपने अलग झंडे को फहराने की अनुमति दी गई थी.
संसद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने संबंधी संकल्प को मंजूरी दी. जिस वजह से राज्य के आधिकारिक ध्वज को भी हटाया जाना तय था.
#JammuAndKashmir: State flag removed from Civil Secretariat building in SRINAGAR, only tricolor seen atop the building. pic.twitter.com/bwo6bOMNZi
— ANI (@ANI) August 25, 2019
जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष निर्मल सिंह अपने सरकारी वाहन से राज्य के ध्वज को हटाने वाले संवैधानिक पद पर बैठे पहले व्यक्ति थे. जल्द ही प्रदेश के राजकीय ध्वज को पूरी तरह से हटाने के संबंध में एक अधिसूचना जारी होने की संभावना है.
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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान और अलग झंडा था. 7 जून, 1952 को, जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा द्वारा एक आधिकारिक राज्य ध्वज की घोषणा संबंधी एक प्रस्ताव पारित किया गया था. पहले राज्य में प्रवेश के लिए परमिट की भी जरीरत पड़ती थी जो की बाद में समाप्त कर दी गई. लेकिन देश से अलग संविधान और ध्वज अब तक कायम रहा.
इसी साल 7 अगस्त का वीडियो-
#WATCH Jammu & Kashmir flag along with Tricolor atop the Civil Secretariat at Srinagar; #Article370 was abrogated and Jammu & Kashmir was made a Union Territory (UT) with legislature, on 5th August. pic.twitter.com/0pkp7piNt1
— ANI (@ANI) August 7, 2019
गौरतलब है कि 27 दिसंबर, 2015 को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की एकल पीठ के तत्कालीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति हसनैन मसूदी ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वे सभी आधिकारिक वाहनों और इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ राज्य ध्वज फहराएं. हालांकि एक जनवरी 2016 को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बीएल भट्ट और न्यायमूर्ति ताशी रब्सतान की पीठ ने इस पर स्थगनादेश पारित किया था.