जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) को मिला राज्य का दर्जा गुरुवार को खत्म हो गया और इसके साथ ही उसे औपचारिक रूप से दो केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territories) में बांट दिया गया. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख (Ladakh) केंद्र शासित प्रदेशों के नए उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) क्रमश: गिरीश चंद्र मुर्मू (Girish Chandra Murmu) और आरके माथुर (RK Mathur) गुरुवार को पदभार ग्रहण करेंगे. इस सिलसिले में श्रीनगर (Srinagar) और लेह (Leh) में दो अलग-अलग शपथ ग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल, मुर्मू और माथुर दोनों को शपथ दिलाएंगी. सूत्रों के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में कोई राजनेता उपस्थित नहीं रहेगा.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 के अनुसार, दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नियुक्ति का दिन 31 अक्टूबर तय किया गया था और इसी के साथ ये केंद्र शासित प्रदेश आधी रात (बुधवार-गुरुवार) को अस्तित्व में आ गए. ऐसे कई उदाहरण हैं जब किसी केंद्र शासित प्रदेश को राज्य में बदला गया हो या एक राज्य को दो राज्यों में बांटा गया हो, लेकिन ऐसा पहली बार है कि एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया. यह भी पढ़ें- कश्मीर: EU सांसदों का भी पाक को झटका, कहा-370 भारत का आतंरिक मसला, घाटी की अवाम शांति और विकास चाहती हैं.
इसके साथ ही देश में राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या नौ हो गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था, जिसे संसद ने अपनी मंजूरी दी थी.
बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने की बात कही थी और मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 90 दिनों के भीतर ही इस वादे को पूरा कर दिया. इस बारे में पांच अगस्त को फैसला किया गया. यह भी पढ़ें- जानें कौन हैं मादी शर्मा जिनके प्रयासों से कश्मीर दौरे पर आए EU के सांसद.
गौरतलब है कि दोनों केंद्र शासित प्रदेश देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन अस्तित्व में आए, जिन्हें देश की 560 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय का श्रेय है.
भाषा इनपुट