नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही वहां के मौजूदा हालात को लेकर मोदी सरकार पर विपक्ष हमलावर है. दूसरी तरफ यूरोपीय यूनियन के 27 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल दो दिनों के कश्मीर दौरे पर है. इसी बीच सांसदो की टीम ने मीडिया को संबोधित करते हुए कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर चर्चा की है. इस दौरे पर रवाना होने से पहले यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (National Security Adviser Ajit Doval) से राजधानी दिल्ली मुलाकात की थी.
ईयू के सांसद ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम यहां राजनीति नहीं करने आए हैं. हमारा मकसद आतंकवाद से पीड़ित रहे कश्मीर की स्थिति को अच्छे से देखना है. इसके साथ ही पाकिस्तान को ईयू सांसदों ने बड़ा झटका देते हुए कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है. उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर के लोग शांति चाहते हैं. वहां की अवाम विकास चाहती है. यूरोपियन सांसदों ने भारतीय सेना से आतंकवाद को लेकर भी चर्चा की. यह भी पढ़े-जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हुई EU सांसदों की टीम, यूरोपियन सांसद नाथन गिल बोले- हमारे लिए जमीनी हकीकत जानने का अच्छा मौका
वही दूसरी तरफ यूरोपीय यूनियन के एक सांसद निकोलस फेस्ट ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर आप यूरोपीय यूनियन के सांसदों को कश्मीर जाने देते हैं, तो आपको भारत के विपक्षी नेताओं को भी जाने देना चाहिए.
Nicolaus Fest, European Union MP, in Srinagar on his visit to Jammu & Kashmir: I think if you let in European Union parliamentarians, you should also let in opposition politicians from India. So there is some kind of disbalance, the government should somehow address it. pic.twitter.com/PJZ6Vjs8sv
— ANI (@ANI) October 30, 2019
ज्ञात हो कि यूरोपियन सांसदों के दौरे को लेकर भारत में राजनीति शुरू है. विपक्ष के तमाम नेता सरकार पर तंज कस रहे हैं. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी, असदुद्दीन ओवैसी सहित बीएसपी चीफ मायावती ने मंगलवार ट्वीट कर सरकार को आड़े हाथ लिया है.
गौर हो कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का ऐलान किया था. साथ ही उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील कर दिया था. जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर उसे एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है.