क्या आपने कभी सोचा है कि बैंक अवकाश या गैर-कारोबारी दिन पर मेच्योर होने वाली फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज कैसे जमा किया जाता है? खासकर तब जब बैंक 29 अप्रैल 2025 से लगातार तीन दिन के लिए बंद रहने वाले हैं, तो ऐसे मामलों की संख्या भी बढ़ सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में बैंक डिपॉजिट से संबंधित एक नई दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसका नाम ‘मास्टर डायरेक्शन – इंटरेस्ट रेट ऑन डिपॉजिट 2025’ (Master Direction – Interest Rate on Deposits 2025) है.
इन नए नियमों के तहत, यह स्पष्ट किया गया है, कि अगर किसी जमाकर्ता की फिक्स्ड डिपॉजिट किसी बैंक अवकाश (जैसे रविवार या अन्य छुट्टी) के दिन मेच्योर होती है, तो बैंक उस अवकाश अवधि के लिए भी ब्याज देगा. यह नियम कमर्शियल बैंकों (Commercial Banks) जैसे कि एसबीआई बैंक (SBI Bank), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) आदि और को-ऑपरेटिव बैंकों (Co-Operative Banks) पर लागू होंगे.
कमर्शियल बैंकों के लिए नियम
आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, यदि किसी ग्राहक का फिक्स्ड डिपॉजिट किसी नॉन-बिजनेस डे (Non-Business Day) जैसे रविवार या बैंक हॉलीडे पर मेच्योर होता है, तो बैंक उस अवकाश अवधि के लिए भी ब्याज का भुगतान करेगा. यह ब्याज उसी ब्याज दर पर दिया जाएगा जो डिपॉजिट करते समय तय हुई थी, और यह ब्याज केवल मूलधन (Principal Amount) पर लागू होगा. साथ ही, डिपॉजिट की राशि का भुगतान बैंक के अगले कार्य दिवस (Next Working Day) पर ही किया जाएगा.
इसके अलावा, अब रीइनवेस्टमेंट डिपॉजिट (Reinvestment Deposits) और रिकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deposits) के मामले में भी, बैंक को पूरी मेच्योरिटी वैल्यू पर अवकाश अवधि के लिए ब्याज देना होगा.
को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए नियम
को-ऑपरेटिव बैंकों पर भी बिल्कुल कमर्शियल बैंकों वाले नियम ही लागू होंगे. अगर किसी ग्राहक की एफडी रविवार, बैंक छुट्टी या नॉन-बिजनेस डे पर मेच्योर होती है, तो को-ऑपरेटिव बैंक को भी उसी दर से मूलधन या मेच्योरिटी राशि पर ब्याज देना होगा, जब तक कि भुगतान अगली कार्यकारी तिथि को न हो जाए.
जमाकर्ताओं के लिए क्या है फायदा?
इन निर्देशों से ग्राहकों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि अगर उनका फिक्स्ड डिपॉजिट किसी छुट्टी वाले दिन पर मेच्योर होता है, तो उन्हें ब्याज का कोई नुकसान नहीं होगा. बैंक उन सभी छुट्टियों के लिए ब्याज देंगे जो मेच्योरिटी और भुगतान के बीच आती हैं, और राशि का भुगतान अगले बैंक कार्यदिवस के दिन किया जाएगा.
इससे यह स्पष्ट हो जाता है, कि छुट्टी के कारण एफडी भुगतान में देरी होने पर भी, ग्राहकों को उतना ही ब्याज मिलेगा, जितना उन्हें मिलना चाहिए. इस तरह, जमाकर्ताओं को न तो ब्याज में घाटा होगा और न ही भुगतान में अनुचित देरी का सामना करना पड़ेगा.













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