चीन में आठ से बीस लाख धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ हो रही हैं ज्यादती: ट्रंप प्रशासन
चीन का झंडा (photo Credits: PTI)

वाशिंगटन: ट्रंप प्रशासन ने संसदीय सुनवाई के दौरान अपने देश के सांसदों को बताया कि चीन के नजरबंदी शिविरों में करीब आठ से बीस लाख धार्मिक अल्पसंख्यक बंद हैं. संसदीय सुनवाई के दौरान ‘ब्यूरो ऑफ ह्यूमन राइट डेमोक्रेसी एंड लेबर’ में उप सहायक विदेश मंत्री स्कॉट बुस्बी ने आरोप लगाया कि चीन दुनिया के अन्य तानाशाह शासनों के ऐसे दमनात्मक कदमों का समर्थन कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका सरकार का आकलन है कि अप्रैल, 2017 से चीनी अधिकारियों ने उइगुर, जातीय कजाक और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कम से कम आठ लाख से बीस लाख सदस्यों को नजरबंदी शिविरों में अनिश्चितकाल के लिए बंद कर रखा है.’’

सीनेट की विदेश मामलों की उपसमिति के समक्ष बुस्बी ने बताया कि सूचनाओं के अनुसार हिरासत में रखे गए ज्यादातर लोगों के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया गया है और उनके परिजनों को उनके ठिकानों के बारे में बेहद कम या कोई जानकारी नहीं है. पहले-पहल तो चीन ने ऐसे शिविरों के अस्तित्व से इंकार किया था लेकिन इस संबंध में सार्वजनिक रूप से खबरें आने के बाद चीनी अधिकारी अब बता रहे हैं कि ये केंद्र ‘व्यावसायिक शिक्षा केन्द्र’ हैं.

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बुस्बी ने कहा, हालांकि यह तथ्य गलत प्रतीत होता है क्योंकि उन शिविरों में कई लोकप्रिय उइगुर बुद्धिजीवी और सेवानिवृत्त पेशेवर भी शामिल हैं. इन केन्द्रों से सुरक्षित बाहर निकले कुछ लोगों ने वहां के बुरे हालात के बारे में बताया है. उदाहरण के लिए उन शिविरों में नमाज सहित अन्य धार्मिक रीतियों पर प्रतिबंध है.