Ladki Bahin Yojana 7th Instalment Date: महाराष्ट्र में क्या  मकर संक्रांति के मौके पर आज लाडली बहन योजना की जारी  होगी 7वीं किस्त? जानें ताजा अपटेड
(Photo Credits Pixabay)

Ladki Bahin Yojana 7th Instalment Date: महाराष्ट्र में लाडली बहन योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है. अब तक इस योजना के अंतर्गत 6 किस्तें जारी की जा चुकी हैं. वहीं अब महिलाओं को 7वीं क़िस्त का इंतजार हैं. महिलाओ को उम्मीद हैं कि आज मकर संक्रांति त्योहार है सरकार आज उनके पैसे ट्रांसफर कर सकती है.

हालांकि सरकार की तरफ से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है कि 7 वीं क़िस्त कब जारी होगी. लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार आज से लाडली बहन योजना के पैसे ट्रांसफर कर सकती है. हालंकि मीडिया के हवाले से यह भी खबर है कि आज पैसे ट्रांसफर नहीं हुए तो फिर 26 जनवरी से पहले पैसे ट्रांसफर किए जायेंगे. यह भी पढ़े: Ladki Bahin Yojana 7th Instalment Date: महाराष्ट्र में मकर संक्रांति से पहले लाडली बहनों के लिए खुशखबरी, आज जारी हो सकती है 7वीं किस्त!

21 से 65 साल की महिलाओं को मिलाता है इसका लाख

महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू की गई लाडली बहन योजना का लाभ 21 से 65 साल की महिलाओं को मिल रहा है. इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. सरकार ने इस योजना को महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए शुरू किया है, ताकि वे अपने परिवार की बेहतर देखभाल कर सकें और खुद को आत्मनिर्भर बना सकें।

अब तक लाखों महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है और यह प्रदेश की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है. योजना के तहत, महिलाओं को वित्तीय सहायता मिलने से उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है और वे अपने दैनिक खर्चों को आसानी से पूरा कर पा रही हैं.

लाडली बहन योजना को लेकर छगन भुजबल ने क्या कहा?

महाराष्ट्र में जारी लाडली बहन योजना को लेकर एनसीपी अजित पवार गुट के विधायक छगन भुजबल ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो लोग लाडली बहन योजना के नियमों के तहत पात्र नहीं हैं, उन्हें स्वयं अपना नाम वापस ले लेना चाहिए। अन्यथा, ऐसे लोगों से जुर्माना वसूलने के साथ-साथ राशि की रिकवरी भी की जा सकती है।

छगन भुजबल ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में लाडली बहन योजना के नियम और अधिक सख्त हो सकते हैं। उनका कहना था कि यह योजना महिलाओं के लिए है, और इसका लाभ सही पात्रों तक ही पहुंचना चाहिए.