बेंगलुरु: फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने त्योहारी सीजन से पहले होने वाले ‘बिग बिलयन डेज’ सेल (Big Billion Days Sale) के मौके पर अंडर-ग्रेजुएट छात्रों के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम की शुरुआत की है. इसके तहत टियर-2 और छोटे शहरों के छात्रों को फ्लिपकार्ट के सप्लाई चेन के अंतर्गत काम करने का मौका मिलेगा. फ्लिपकार्ट 45 दिन के लॉन्चपैड इंटर्नशिप प्रोग्राम में सभी इंटर्न को पैसे भी देगा. फ्लिपकार्ट की त्यौहारी सेल के लिए पेटीएम के साथ साझेदारी
मिली जानकारी के मुताबिक फ्लिपकार्ट इंटर्न को प्रतिदिन लगभग 500 रुपये का भुगतान करेगा, हालांकि यह पारिश्रमिक राज्य और वहां के श्रम कानूनों पर आधारित होगा. यह ऑफर फ्लिपकार्ट के लॉन्चपैड प्रोग्राम (Launchpad Programme) का हिस्सा है. फ्लिपकार्ट ने स्पष्ट किया है कि सभी इंटर्न सीधे शिक्षण संस्थानों से चुने जायेंगे. इसलिए फ्लिपकार्ट के साथ इंटर्नशिप करने के लिए छात्रों को अपने शिक्षण संस्थान या कॉलेज से संपर्क करना पड़ेगा. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें- Flipkart Launchpad Internship Program.
फ्लिपकार्ट ने एक बयान में कहा, "टियर-2 शहरों और उससे आगे के छात्रों को फ्लिपकार्ट की सुविधाओं में प्रमुख सप्लाई चेन में काम करने का मौका मिलेगा." इस प्रोगाम के जरिये ना केवल फ्लिपकार्ट को फेस्टिव सीजन सेल के दौरान अपनी सप्लाई लॉजिस्टिक्स चेन को प्रभावी ढंग से मैनेज करने में मदद मिलेगी बल्कि छात्रों को भी सप्लाई चैन मैनेजमेंट में क्रिटिकल स्किल सीखने का अवसर मिलेगा. इससे ई-कॉमर्स उद्योग के लिए प्रशिक्षित पेशेवरों का एक इकोसिस्टम तैयार होगा.
वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने इस प्रोग्राम को पिछले साल भी लॉन्च किया था और बिग बिलियन डेज सेल के दौरान सप्लाई चैन मैनेजमेंट सीखने के लिए दो हजार से ज्यादा छात्रों को बतौर इंटर्न शामिल किया था. फ्लिपकार्ट की वार्षिक ‘द बिग बिलियन डेज’ सेल 16 से 21 अक्टूबर तक चलेगी.
ई-कॉमर्स कंपनियों के सालाना कारोबार का एक बड़ा हिस्सा त्योहारी सीजन के दौरान आता है. इस दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों के ऑर्डरों में भारी बढ़ोतरी होती है. जिस वजह से दशहरा से दिवाली तक ई-कॉमर्स कंपनियां कई बार सेल का आयोजन करती हैं. त्योहारी सीजन में इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन और होम फर्निशिंग उत्पादों की भारी मांग रहती है.
रेडसीर की एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल त्योहारी सीजन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों की बिक्री का आंकड़ा दोगुना होकर सात अरब डॉल पर पहुंच सकता है, जो कि पिछले साल 3.8 अरब डॉलर था.