7th Pay Commission: कोरोना (Coronavirus) संकट के कारण केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारियों की एक अहम मांग अधर में लटक गई है. केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से अपने मूल वेतन (Basic Salary) में बढ़ोतरी की मांग कर रहे है. जो की कोविड-19 (COVID-19) महामारी से उत्पन्न स्थिति से मुश्किल में फंस गई है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम 5.30 बजे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होने वाली है. लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और इससे उपजे आर्थिक संकट के बीच बेसिक सैलरी में इजाफे पर फैसला होने की संभावना बहुत कम है.
देशभर में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से उद्योग, व्यापार समेत सारे कामकाज बंद है, परिणामस्वरूप सरकार के सभी आय के स्रोत ठप पड़ गए है. जिससे केंद्र सरकार के समक्ष गंभीर आर्थिक चुनौतियां खड़ी हो गई है. सरकार ने अपने खर्चे में कटौती के लिए कई अहम कदम उठाए है. जिससे कोविड-19 से जारी जंग जीती जा सके. ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों के मूल वेतन में किसी भी इजाफे की उम्मीद ना के बराबर है. 7th Pay Commission: मोदी सरकार ने DA में इजाफे के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों को दी एक और बड़ी राहत
उधर, पहले से ही सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को कोरोना संकट से दुगुना मार लगा है. विश्लेषकों और उद्योग मंडलों ने लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को 7-8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान जताया है. साथ ही आर्थिक गतिविधियों में लंबे समय तक बाधा बने रहने की आशंका जताई है. लॉकडाउन अवधि बढ़ने से अर्थव्यवस्था को 234.4 अरब डॉलर का नुकसान: बार्कलेज
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अभी न्यूनतम वेतन के तौर पर 18,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाते है. हालांकि कर्मचारी इसे नाकाफी बताते हुए 26,000 रुपये करने की मांग कर रहे है. केंद्रीय कैबिनेट अगर यह मांग अभी मानती है तो सरकारी खजाने पर हजारों करोड़ों रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा.
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने पिछले महीने ही केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का तोहफा दिया था. इसके तहत कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता (डीए) चार प्रतिशत बढ़ाकर 21 प्रतिशत कर दिया गया. जिससे 48.34 लाख केंद्रीय कर्मचारियों एवं 65.26 लाख पेंशनधारियों को फायदा हुआ. महंगाई भत्ता और महंगाई राहत के कारण सरकार पर प्रतिवर्ष 12,510.04 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा और वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 14,595.04 करोड़ रुपये इस मद में खर्च होंगे.