देश की सुस्त अर्थव्यवस्था (Economic Slowdown) के साथ-साथ बचत दर (Savings Rate) में भी भारी गिरावट आई है. देश की बचत दर 15 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है और घरेलू बचत भी लगातार घट रही है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, देश की घरेलू बचत (Household Savings) में गिरावट आई है क्योंकि उपभोक्ताओं ने ड्यूरेबल्स (Durables) खरीदने और यात्रा में भी अधिक खर्च किया है. देश की बचत में भारतीय घराने का योगदान 60 प्रतिशत है. इसके बावजूद, भारत ब्राजील जैसे उभरते बाजारों की तुलना में अनुकूल बना हुआ है.
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद की सकल बचत 30.1 प्रतिशत घट गई है, जबकि वित्त वर्ष 2012 में यह 34.6 प्रतिशत थी. इस दर ने 2003-2004 में 29 प्रतिशत के निम्न स्तर को छू लिया था.
यह भी पढ़ें- बीते एक साल के भीतर 48 फीसदी आम लोगों के जीवन स्तर में आई 'गिरावट'
अर्थशास्त्रियों के अनुसार देश में मौजूदा मंदी की वजह से बचत दर में गिरावट आई है. अर्थव्यवस्था सुस्त है और कोरोनोवायरस के प्रकोप से हाल ही में सेक्टर प्रभावित हुए हैं. विश्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ब्राजील से बेहतर है जिसकी जीडीपी की बचत दर 16 प्रतिशत है. मैक्सिको की बचत दर 23 प्रतिशत है. हालांकि, चीन 46 फीसदी की दर से सबसे आगे है.