मुंबई: टाटा समूह को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) से देश के पहले क्रिस्पर कोविड-19 परीक्षण को वाणिज्यिक रूप से शुरू करने की मंजूरी मिल गयी है. टाटा संस ने एक बयान में इसकी जानकारी दी. कंपनी ने कहा कि यह जांच सटीक परिणाम देने में पारंपरिक आरटी-पीसीआर परीक्षण के समतुल्य है. इसके अलावा यह सस्ता और कम समय में परिणाम देता है. इस पद्धति का प्रयोग भविष्य में अन्य महामारियों के परीक्षण में भी किया जा सकेगा.
कंपनी ने कहा कि टाटा क्रिस्पर परीक्षण सीएएस9 प्रोटीन का इस्तेमाल करने वाला विश्व का पहला ऐसा परीक्षण है, जो सफलतापूर्वक कोविड-19 महामारी फैलाने वाले वायरस की पहचान कर लेता है. यह भी पढ़ें | COVID-19 के प्रकोप के कारण देश में कम हुई अन्य वजहों से मौत, देखें चौंकाने वाले आंकड़े.
टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड के सीईओ, गिरीश कृष्णमूर्ति ने कहा, "COVID-19 के लिए टाटा CRISPR परीक्षण की मंजूरी वैश्विक महामारी से लड़ने में देश के प्रयासों को बढ़ावा देगी. टाटा सीआरआईएसपीआर परीक्षण का व्यावसायीकरण देश में जबरदस्त आरएंडडी प्रतिभा को दर्शाता है, जो वैश्विक स्वास्थ्य सेवा और वैज्ञानिक अनुसंधान जगत में भारत के योगदान को बदलने में सहयोग कर सकता है."
डॉ शेखर सी मांडे, महानिदेशक-सीएसआईआर ने सीएसआईआर-आईजीआईबी टीम के वैज्ञानिकों और छात्रों, टाटा संस और डीसीजीआई को अनुकरणीय कार्य और सहयोग के लिए बधाई दी.
(इनपुट भाषा से)