नई दिल्ली, 23 सितंबर: भारत (India) और संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) ने बुधवार को व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के लिए बातचीत शुरू की. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की भाषा में, सीईपीए देशों के बीच एक आर्थिक समझौता है, जिसका उपयोग टैरिफ को कम करने के लिए किया जाता है. 2017 में, दोनों देशों ने एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए थे. यह भी पढ़े: PM Modi US Visit: अमेरिका पहुंचने पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत, जानें कितना अहम है उनका यह दौरा (VIDEO)
यूएई के विदेश व्यापार राज्यमंत्री थानी बिन अहमद अल जायौदी और एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मौजूदा व्यापार और निवेश संबंधों के विस्तार सहित द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में सुधार लाने के उद्देश्य से वार्ता करने के लिए नई दिल्ली की यात्रा की. सीईपीए वार्ता का पहला दौर 23-24 सितंबर को होगा. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, "दोनों पक्ष दिसंबर 2021 तक बातचीत समाप्त करने और आंतरिक कानूनी प्रक्रियाओं और अनुसमर्थन के पूरा होने के बाद मार्च 2022 में एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य रखेंगे. ""एक नए रणनीतिक आर्थिक समझौते से हस्ताक्षरित समझौते के पांच वर्षो के भीतर माल में द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने और सेवाओं में व्यापार को 15 अरब डॉलर तक बढ़ाने की उम्मीद है. "
संयुक्त अरब अमीरात वर्तमान में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 2019-2020 में 59 बिलियन डॉलर है. यह अमेरिका के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य भी है, जिसका निर्यात 2019-2020 में लगभग 29 अरब डॉलर डॉलर था. इसके अतिरिक्त, भारत 2019 में यूएई का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था, जिसका द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार 41 अरब डॉलर था. इसके अलावा, संयुक्त अरब अमीरात भारत में आठवां सबसे बड़ा निवेशक है, जिसने अप्रैल 2000 और मार्च 2021 के बीच 11 अरब डॉलर का निवेश किया है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय कंपनियों द्वारा निवेश 85 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है.