भारत 8 वीं बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) का अस्थाई सदस्य चुना गया है. भारत को 192 वैध वोटों में से 184 वोट हासिल हुए. वहीं आयरलैंड मेक्सिको और नार्वे को भी यह सदस्यता हासिल हुई है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने ट्वीट कर कहा कि सदस्य देशों ने भारत को भारी समर्थन देते हुए 2021-22 तक के लिए यूएनएससी का अस्थाई सदस्य चुना है. भारत को 192 में से 184 वोट मिले हैं. वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आपके अच्छे काम के लिए बधाई, भारत का स्थायी मिशन संयुक्त राष्ट्र और टीम MEA. भारत को एशिया-प्रशांत श्रेणी से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना गया है.
भारत भारत गैर-स्थायी सदस्य के रूप में पहली बार 1950 में चुना गया था. वहीं आज आठवीं बार चुना गया. वहीं भारत के चुने जाने पर अमेरिका ने बधाई दी है. अमेरिका ने कहा है कि भारत के साथ इंटरनेशन शांति मुद्दों पर काम करने के लिए हम उत्साहित हैं. बता दें कि भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से अस्थायी सीट के लिए उम्मीदवार था. भारत की जीत इसलिए तय मानी जा रही थी, क्योंकि वह समूह की इस इकलौती सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार है. चीन और पाकिस्तान समेत 55 सदस्यीय एशिया-प्रशांत समूह ने पिछले साल जून में सर्वसम्मति से भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था.
Member States elect India to the non-permanent seat of the Security Council for the term 2021-22 with overwhelming support.
India gets 184 out of the 192 valid votes polled. pic.twitter.com/Vd43CN41cY
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) June 17, 2020
ANI का ट्वीट:-
We extend a warm welcome to India&congratulations on India’s successful election to UN Security Council. We look forward to working together on issues of international peace&security-a natural extension of US-India Comprehensive Global Strategic Partnership:US Department of State pic.twitter.com/mz53QVwepg
— ANI (@ANI) June 17, 2020
गौरतलब हो कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद हर साल दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कुल 10 में से पांच अस्थायी सदस्यों का चुनाव करती है. ये 10 अस्थायी सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं. पांच सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों तथा दो पश्चिमी यूरोपीय तथा अन्य राज्यों के लिए वितरित की जाती हैं. परिषद में चुने जाने के लिए उम्मीदवार देशों को सदस्य देशों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है.