Important Government Scheme: मोदी सरकार की इन 3 योजनाओं ने बदली लाखों गरीबों की तकदीर, ऐसे उठाएं फायदा, पढ़े कौन से Documents होंगे जरुरी
पीएम मोदी (Photo credit : Twitter)

केंद्र सरकार की कई योजनाएं गरीब और पिछड़े तबके के लोगों के लाभकारी सिद्ध हो रही हैं. ऐसी ही तीन सामाजिक सुरक्षा (जन सुरक्षा) योजनाओं, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) को 7 वर्ष पूरे हो चुके हैं. आइए हम इन योजनाओं से जुड़ी कुछ बातों पर ध्यान केंद्रित करें कि कैसे इन योजनाओं द्वारा लोगों को किफायती बीमा और सुरक्षा (जन सुरक्षा) की सुविधा मिल रही है. इन योजनाओं की उपलब्धियां तथा मुख्य विशेषताएं क्या हैं?

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 9 मई, 2015 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल से पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई को लॉन्च किया गया था. उपरोक्त तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाएं अप्रत्याशित जोखिमों / नुकसानों और वित्तीय अनिश्चितताओं से मानव जीवन को सुरक्षित करने की आवश्यकता की पहचान करते हुए नागरिकों के कल्याण के लिए समर्पित हैं.

देश के असंगठित क्षेत्र के लोगों को आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने दो बीमा योजनाएं शुरू कीं - प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) तथा इसके साथ ही वृद्धावस्था में जरूरतों को पूरा करने के लिए अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की शुरुआत की गयी.

पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई लोगों को कम लागत वाली जीवन/दुर्घटना बीमा कवर की सुविधा देतीं हैं, जबकि एपीवाई बुढ़ापे में नियमित पेंशन प्राप्त करने के लिए वर्तमान में बचत करने का अवसर प्रदान करती है.

योजना की 7वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने कहा, "माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त, 2014 को घोषित एवं वित्तीय समावेश पर आधारित राष्ट्रीय मिशन के मुख्य उद्देश्यों में से एक था - बीमा और पेंशन के दायरे का विस्तार करना, ताकि समाज के गरीब और कमजोर समुदाय के लोगों को किफायती उत्पादों के माध्यम से अत्यधिक आवश्यक वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जा सके."

वित्त मंत्री ने कहा, “तीन जन सुरक्षा योजनाओं ने बीमा और पेंशन को आम आदमी की पहुंच में ला दिया है. पिछले सात वर्षों में उपरोक्त योजनाओं में पंजीकृत और इनसे लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या इनकी सफलता का प्रमाण हैं. कम लागत वाली बीमा योजनाएं और गारंटी युक्त पेंशन योजना यह सुनिश्चित कर रही हैं कि वित्तीय सुरक्षा, जो पहले कुछ चुनिंदा लोगों को ही उपलब्ध थी, अब समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही है.“

गरीब लोगों को सुविधाएं प्रदान करने का विवरण देते हुए, वित्त मंत्री ने कहा, "आज, गरीब से गरीब व्यक्ति भी पीएमजेजेबीवाई के तहत 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर प्रति दिन 1 रुपये से कम पर और पीएमएसबीवाई के तहत 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी प्रति दिन 1 रुपये से कम पर प्राप्त कर सकता है. देश के आयु वर्ग 18 से 40 वर्ष के सभी नागरिक न्यूनतम 42 रुपये प्रति माह का भुगतान करके 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन प्राप्त कर सकते हैं.

पीएमजेजेबीवाई के माध्यम से नागरिकों को, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान, सुविधा के साथ सुरक्षा प्रदान करने के बारे में श्रीमती सीतारामन ने कहा, "पीएमजेजेबीवाई के तहत, योजना की शुरुआत से अब-तक 12.76 करोड़ व्यक्तियों ने जीवन बीमा के लिए पंजीकरण कराया है और 5,76,121 व्यक्तियों के परिवारों को योजना के तहत कुल 11,522 करोड़ रुपये मूल्य के दावे प्राप्त हुए हैं.

यह योजना महामारी के दौरान कम आय वाले परिवारों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हुई है, क्योंकि वित्त वर्ष 2021 में, भुगतान किए गए कुल दावों में लगभग 50 प्रतिशत कोविड-19 से हुई मौतों से सम्बंधित थे. महामारी की अवधि के दौरान दावों के त्वरित और आसान निपटान के लिए दावा निपटान प्रक्रिया में बड़े बदलाव किये गए. दावों के आसान निपटान के लिए शुरू किये गये ये बदलाव अभी भी जारी हैं.

महामारी की शुरुआत के बाद से, यानि 1 अप्रैल, 2020 से 23 फरवरी, 2022 तक, कुल 2.10 लाख दावों के लिए 4,194.28 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया गया. दावों को निपटाने की दर 99.72 प्रतिशत रही.

वित्त मंत्री ने कहा, “इसी तरह, पीएमएसबीवाई के शुभारंभ के बाद से 28.37 करोड़ लोगों ने दुर्घटना कवर के लिए पंजीकरण कराया है और 97,227 दावों के लिए 1,930 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है. 4 करोड़ से अधिक लोग एपीवाई योजना के सदस्य बने हैं.”

इस अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री (एमओएस) डॉ. भागवत किशनराव कराड ने कहा, "इन योजनाओं की इस 7वीं वर्षगांठ पर, मैं सभी बैंकों और बीमा कंपनियों को इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए बधाई देता हूं और उनसे अनुरोध करता हूं कि वे उसी उत्साह और समर्पण के साथ इन योजनाओं के लिए काम करना जारी रखें, जब-तक कि अंतिम व्यक्ति को कवर नहीं किया जाता.”

डॉ कराड ने कहा, "आगे बढ़ते हुए, जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री ने पिछले स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में घोषणा की थी, हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि देश में प्रत्येक पात्र व्यक्ति को बीमा और पेंशन की इन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत कवर किया गया है.“

हम पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई की सातवीं वर्षगांठ मना रहे हैं, आइए हम इनकी विशेषताओं तथा अब तक की उपलब्धियों पर एक नज़र डालें.

1. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) योजना: पीएमजेजेबीवाई एक साल की जीवन बीमा योजना है, जिसका नवीकरण प्रत्येक वर्ष होता है और यह किसी भी कारण से होने वाली मौत के लिए कवरेज प्रदान करती है.

पात्रता: आयु वर्ग 18-50 वर्ष के बचत बैंक या डाकघर के खाताधारक व्यक्ति इस योजना के तहत पंजीकरण के पात्र हैं. 50 वर्ष की आयु से पहले योजना में शामिल होने वाले लोग प्रीमियम का भुगतान करने पर जीवन के जोखिम का कवरेज 55 वर्ष की आयु तक प्राप्त कर सकते हैं.

लाभ: 330 रुपये प्रति वर्ष के प्रीमियम भुगतान पर 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर, चाहे मृत्यु किसी भी कारण से हुई हो.

पंजीकरण: योजना के तहत पंजीकरण, खाताधारक के बैंक की शाखा / बीसी पॉइंट या वेबसाइट पर जाकर या डाकघर बचत बैंक खाते के सन्दर्भ में डाकघर जाकर किया जा सकता है. योजना के तहत, प्रीमियम का भुगतान ग्राहक द्वारा केवल एक बार दिए गए आदेश के आधार पर बैंक खाते से स्वतः डेबिट द्वारा किया जा सकता है.

2. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) योजना: पीएमएसबीवाई एक साल की दुर्घटना बीमा योजना है, जिसका प्रत्येक साल नवीकरण किया जाता है और यह दुर्घटना के कारण हुई मृत्यु या दिव्यांगता के लिए कवरेज प्रदान करता है.

पात्रता: बचत बैंक या डाकघर में खाता रखने वाले आयु वर्ग 18-70 वर्ष के व्यक्ति इस योजना के तहत पंजीकरण के पात्र हैं.

लाभ: दुर्घटना के कारण हुई मृत्यु या दिव्यांगता के लिए 2 लाख रुपये (आंशिक दिव्यांगता के मामले में 1 लाख रुपये) का दुर्घटना मृत्यु सह दिव्यांगता कवर.

पंजीकरण: योजना के तहत पंजीकरण, खाताधारक के बैंक की शाखा / बीसी पॉइंट या वेबसाइट पर जाकर या डाकघर बचत बैंक खाते के सन्दर्भ में डाकघर जाकर किया जा सकता है. योजना के तहत, प्रीमियम का भुगतान ग्राहक द्वारा केवल एक बार दिए गए आदेश के आधार पर बैंक खाते से स्वतः डेबिट द्वारा किया जा सकता है. योजना और प्रपत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी (हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में) https://jansuraksha.gov.in

पर उपलब्ध है.

अटल पेंशन योजना (एपीवाई)

पृष्ठभूमि: अटल पेंशन योजना (एपीवाई) सभी भारतीयों, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के निर्माण के लिए शुरू की गई थी. यह असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की एक पहल है. एपीवाई को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के समग्र प्रशासनिक और संस्थागत ढांचे के तहत पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रबंधित किया जाता है.

पात्रता: एपीवाई, आयु वर्ग 18 से 40 वर्ष के सभी बैंक खाताधारकों के लिए खुली है और चुनी गई पेंशन राशि के आधार पर अंशदान की धनराशि अलग-अलग होती है.

लाभ: योजना में शामिल होने के बाद ग्राहक द्वारा दिए गए अंशदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु से ग्राहकों को गारंटीशुदा न्यूनतम मासिक पेंशन के रूप में 1000 रुपये या 2000 रुपये या 3000 रुपये या 4000 रुपये या 5000 रुपये मिलते हैं.

योजना के लाभों का वितरण: मासिक पेंशन ग्राहक के लिए उपलब्ध है और उसके बाद उसकी पत्नी या उसके पति को और उन दोनों की मृत्यु के बाद, ग्राहक की 60 वर्ष की आयु में जमा हुई कुल पेंशन राशि, ग्राहक के नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाएगी.

ग्राहक की समय से पहले मृत्यु (60 वर्ष की आयु से पहले मृत्यु) के मामले में, ग्राहक के पति या पत्नी, शेष अवधि के लिए, ग्राहक के एपीवाई खाते में अंशदान जारी रख सकते हैं, जब तक कि मूल ग्राहक 60 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेता हो.

केंद्र सरकार द्वारा योगदान: न्यूनतम पेंशन की गारंटी सरकार द्वारा दी जाएगी, अर्थात, यदि अंशदान के आधार पर संचित कोष, अपने निवेश पर अनुमानित लाभ (रिटर्न) से कम राशि अर्जित करता है और न्यूनतम गारंटी पेंशन प्रदान करने के लिए अपर्याप्त है, तो केंद्र सरकार ऐसी अपर्याप्तता को निधि प्रदान करेगी. वैकल्पिक रूप से, यदि निवेश पर लाभ (रिटर्न) अधिक है, तो ग्राहकों को बढ़े हुए पेंशन का लाभ प्राप्त होगा.

भुगतान आवृत्ति: ग्राहक मासिक/तिमाही/अर्ध-वार्षिक आधार पर एपीवाई में अंशदान कर सकते हैं.

योजना से बाहर होना: ग्राहक कुछ शर्तों के तहत स्वेच्छा से एपीवाई से बाहर निकल सकते हैं; यथा, सरकारी सह-अंशदान और उस पर रिटर्न/ब्याज की कटौती होने पर.

उपलब्धियां: 27.04.2022 तक, 4 करोड़ से अधिक व्यक्तियों ने इस योजना की सदस्यता प्राप्त की है.