वैदिक काल से श्रीअन्न का महत्व, भविष्य में भी बढ़ेगी उपयोगिता: मुख्यमंत्री योगी
Yogi Adityanath (Photo Credit: ANI)

लखनऊ, 27 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्यस्तरीय श्री अन्न प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल ने हमें बड़ा सबक दिया है, हम जितना कृत्रिम जीवन जीने का प्रयास करेंगे महामारियां हमें उतना ही परेशान करेंगी. हमें प्राकृतिक वास और जीवनशैली को अपनाना होगा और उसमें श्रीअन्न बहुत ही सहायक होगा. इसकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए शोध और अनुसंधान की आवश्यकता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद् के 34वां स्थापना दिवस पर अगले तीन दिन तक श्रीअन्न महोत्सव का आयोजन हो रहा है. यह यूपी के किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन का माध्यम बनेगा. पिछली सदी के छठे और सातवें दशक तक बड़ी मात्रा में मोटे अनाज का उत्पादन होता था. बढ़ती आबादी की आवश्यक्ता और इस दिशा में शोध और अनुसंधान की गति थमने के कारण इसका उत्पादन कम होता गया. श्रीअन्न का उत्पादन कम पानी वाले क्षेत्रों में भी होता है. हमें इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए इस दिशा में व्यापक पैमाने पर शोध और अनुसंधान की आवश्यकता है. यह भी पढ़ें : पुणे : चालान काटने को लेकर यातायात पुलिसकर्मी पर हमला करने के आरोप में सेना का जवान गिरफ्तार

उन्होंने कहा कि आज मिलेट्स से नये-नये उत्पाद बनाना शुरू हो गये हैं. 2017 तक कृषि विज्ञान केंद्रों की हालत खराब थी. आज इनमें नई प्रतिस्पर्धा शुरू हुई है. इसमें कृषि विश्वविद्यालयों की अहम भूमिका है. प्रदेश के 3 करोड़ किसानों के लिए बेहतरीन शोध संस्थानों से अच्छी क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराने के लिए तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं.