Cyclone Shakti, Cyclone Naji: दोहरे चक्रवात का खतरा! 'चक्रवात 'शक्ति' और 'नाजी' का अलर्ट, इन राज्यों में भारी बारिश का अनुमान
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Cyclone Shakti, Cyclone Naji: भारत एक बार फिर चक्रवातीय गतिविधियों के कारण बड़ी बारिश और तेज हवाओं का सामना करने जा रहा है. इस बार खतरा दोगुना है, क्योंकि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों में दो अलग-अलग चक्रवात बनते हुए दिखाई दे रहे हैं. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इन संभावित तूफानों को 'चक्रवात शक्ति' (Cyclone Shakti) और 'चक्रवात नाजी' (Cyclone Naji) का नाम दिया है.

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IMD के अनुसार, चक्रवात शक्ति नाम का तूफान अरब सागर में बन रहा है. 23 से 24 मई के बीच यह एक गंभीर डिप्रेशन में बदल सकता है और इसके 36-48 घंटों में चक्रवात का रूप लेने की संभावना है. यह सिस्टम महाराष्ट्र और गोवा के तट के पास बन रही ऊपरी हवाओं की चक्रवाती हलचल के कारण सक्रिय हो रहा है. इसके चलते महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा में भारी से बहुत भारी बारिश, तेज हवाएं (50-60 किमी/घंटा) और समुद्र में ऊंची लहरें उठने की चेतावनी जारी की गई है. इन क्षेत्रों में ऑरेंज और रेड अलर्ट लागू किया गया है.

Cyclone Naji: बंगाल की खाड़ी से संभावित खतरा

दूसरी ओर, बंगाल की खाड़ी में 27 मई के आसपास एक लो प्रेशर एरिया बनने की संभावना है, जो अगले 5-6 दिनों में डिप्रेशन और फिर चक्रवात 'नाज़ी' का रूप ले सकता है. अभी इस सिस्टम की गति और दिशा को लेकर पूरी स्पष्टता नहीं है, लेकिन पूर्वी भारत के तटीय राज्य जैसे ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में 28 मई के बाद से भारी बारिश और समुद्री हलचल की चेतावनी दी गई है.

किन राज्यों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

इन दोनों तूफानों का प्रभाव भारत के पश्चिमी और पूर्वी तटीय इलाकों पर पड़ेगा: पश्चिमी तट (22-28 मई): महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक में भारी से अति भारी बारिश, बिजली चमकने और तेज़ हवाओं की संभावना. पूर्वी तट (27 मई से): ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में भी भारी बारिश और समुद्री तूफान के हालात बन सकते हैं. पूर्वोत्तर भारत: 28 मई के बाद यहां भी भारी बारिश और तूफान की चेतावनी दी गई है.

मानसून की दस्तक और किसानों को चेतावनी

IMD के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून भी अगले 2-3 दिनों में केरल तट पर दस्तक दे सकता है. इससे पहले ही चक्रवातों की मौजूदगी बारिश को और भी तेज बना सकती है. किसानों को सलाह दी गई है कि वे जल्द से जल्द पकी हुई फसल की कटाई कर लें और सिंचाई से बचें, क्योंकि तेज़ बारिश से फसल और भंडारित अनाज को नुकसान हो सकता है.

क्या करें, क्या न करें?

  • मौसम विभाग की वेबसाइट और स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों पर नजर रखें.
  • मछुआरे समुद्र में न जाएं और तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग सतर्क रहें.
  • अनावश्यक यात्रा से बचें और जरूरी सामान पहले से जुटा लें.

मई का अंतिम सप्ताह भारत के लिए मौसम के लिहाज से चुनौतीपूर्ण रहने वाला है. चक्रवात शक्ति और नाजी का असर तटीय इलाकों पर पड़ सकता है और भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हो सकता है. ऐसे में सतर्क रहें और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें.