Sanjay Singh On Sakshi Malik: पहलवान साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने पर डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह का कहना है, "जो लोग एथलीट हैं उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है और जो लोग राजनीति में आना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं. यह उनका निजी मामला है, मैं इस बारे में नहीं बोलूंगा..." मैं 12 साल से महासंघ में हूं. सिर्फ इसलिए कि मैं सांसद (बृज भूषण सिंह) का करीबी हूं इसका मतलब यह नहीं है कि मैं एक डमी उम्मीदवार हूं. अगर मैं उनके करीब हूं तो क्या यह अपराध है?...''
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा बरकरार है. डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद पर बृजभूषण सिंह के बेहद करीबी संजय सिंह को गुरुवार (21 दिसंबर) को चुना गया. इसको लेकर सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में मुख्य चेहरा रहे दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने नया मोर्चा खोल दिया है. Bajrang Punia Returns Padma Shri Award: पहलवान बजरंग पूनिया ने वापस लौटाया अपना पद्मश्री पुरस्कार, PM मोदी को लिखी चिट्ठी
#WATCH | On wrestler Sakshi Malik quitting wrestling, Newly elected WFI president Sanjay Singh says "Those who are athletes have already started preparing and those who want to engage in politics can do that. It is their personal matter, I will not speak about this...I have been… pic.twitter.com/THqd6Z9eTI
— ANI (@ANI) December 23, 2023
साक्षी मलिक ने गुरुवार (21 दिसंबर) को भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुश्ती छोड़ने का ऐलान किया. इस दौरान साक्षी फूट-फूट कर रोने लगीं. उन्होंने अपना जूता टेबल पर छोड़ दिया. इसके एक दिन बाद बजरंग पूनिया ने बड़ा ऐलान किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखते हुए कहा कि वो अपने पद्मश्री लौटा देंगे. इसके अलावा विनेश फोगाट ने 'वरदान मांगूंगा नहीं' कविता शेयर की.
सरकार क्या बोली?
बजरंग पूनिया के फैसले पर न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कहा कि ये उनका निजी फैसला है. दोबारा विचार करने के लिए समझाने का प्रयास करेगा. डब्लयूएफआई के चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं