रांची, 24 मार्च: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता खत्म किए जाने पर झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि इस घटना से साफ जाहिर हो गया है कि सत्तारूढ़ केंद्र सरकार अब राजनीतिक मतभेद में किस तरह प्रतिशोध पर उतर आई है. भारतीय जनता पार्टी आज के वक्त को एक तरफ अमृतकाल कहती है, तो दूसरी तरफ वह विपक्ष के नेताओं के खिलाफ सत्ता के हर हथकंडे का इस्तेमाल कर रही है. यह भी पढ़ें: राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने पर, प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से पूछा, 'आपको क्यों नहीं संसद से डिसक्वालिफाई किया गया'
हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यू इंडिया में अमृत काल केवल भाजपा के नेताओं और सदस्यों पर लागू होता है, जबकि इस देश के पूरे विपक्ष और नागरिकों के लिए यह आपात काल है. पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि राहुल गांध इस देश और देश की जनता के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं. लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं. हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर कीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे. इस मामले में हम राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर लड़ाई जारी रखेंगे.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करने की कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला अचम्भित करने वाला और घोर निन्दनीय है. हिन्दुस्तान की संसदीय राजनीति में ऐसी जल्दबाजी पहले कभी नहीं हुई है. राहुल गांधी को सदन में बोलने से रोका जा रहा है, तो हम सड़क पर अपनी बात रखेंगे.
राहुल गांधी की सजा पर विरोध जताते हुए झारखंड कांग्रेस के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को रांची में विरोध मार्च भी निकाला. इसमें कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता शामिल रहे.