Heart Surgeries at AIIMS Down by 89.5%: लॉकडाउन के दौरान दिल्ली एम्स में कार्डियक सर्जरी में आई 89.5 फीसदी की गिरावट
AIIMS (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली: कोरोनो वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अप्रैल और जुलाई के बीच कार्डियक सर्जरी (Cardiac Surgery) में 89.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये डेटा नेशनल ग्रैंड राउंड में से एक के दौरान साझा किए गए थे, जहां देश भर के डॉक्टर्स ने वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था. इस कॉन्फ्रेंस में कोविड-19 (Covid-19) को किस तरह से रोका जाए इस पर चर्चा हुई. आंकड़ों ने बताया कि 2019 में अप्रैल से जुलाई के बीच 411 कार्डियक सर्जरी की गई, जबकि 2020 में यह सिर्फ 43 सर्जरी हुई.

COVID-19 लॉकडाउन (COVID-19 Lockdown) के दौरान अस्पताल ने मार्च महीने में ओपीडी (OPD) क्लीनिक बंद कर दिए थे और केवल आपातकालीन सर्जरी की जा रही थी. डॉक्टरों ने उल्लेख किया कि लॉकडाउन के दौरान और बाद में अस्पतालों ने आपातकालीन प्रक्रियाओं के लिए आने वाले रोगियों में जबरदस्त गिरावट देखी.

इस बीच आपातकालीन कार्डियक सर्जरी (Heart Surgery) की संख्या में भी गिरावट देखी गई.आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल की समान अवधि में किए गए 58 की तुलना में 2020 में ऐसी 35 सर्जरी की गईं. सर्जरी की संख्या में 39.6 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. यह भी पढ़ें | World Heart Day 2020: दिल है अनमोल, रखें इसका ख्याल.

डॉक्टर्स में इसके लिए मुख्य रूप से दो कारण बताए हैं, पहला लोगों को कोरोना से संक्रमित होने का डर था इसलिए वे अस्पताल जाने से बच रहे थे. वहीं दूसरा कारण यह था कि लॉकडाउन के कारण ट्रांसपोर्ट के अभाव में बाहर के लोग यात्रा करने में सक्षम नहीं है. मरीज बहुत जरूरी होने पर ही इलाज के अस्पताल आना चाहते है.

एम्स (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि डायबिटीज, हाइपरटेंशन और हृदय से जुड़ी बीमारियां कॉमरेडिटी बीमारियां हैं, जो कोविड-19 के खराब नतीजों की ओर ले जाता है.

देश में कार्डियो- वैस्कुलर बीमारियां जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक से लोगों की सबसे ज्यादा मौत होती है. स्टेट लेवल बर्डन डिजीज की स्टडी के आंकड़ों के अनुसार 2016 में इस कारण 28.1 प्रतिशत लोगों की मौत हुई हैं.