Har Ghar Tiranga Abhiyan: ऐसे ऑनलाइन बुक करें तिरंगा, बिना डिलीवरी चार्ज घर पहुंचाएगा डाक विभाग
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo: Wikimedia commons)

Har Ghar Tiranga Abhiyan: 13 से 15 अगस्त तक देश में हर-घर तिरंगा अभियान मनाया जा रहा है। देश के हर गांव, हर गली तक तिरंगा पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाई है डाक विभाग ने. ऐसे में डिजिटल इंडिया के जमाने में नागरिकों को घर बैठे तिरंगा मंगाने का भी ऑप्शन दिया गया है. जी, अब कोई भी नागरिक ई-पोस्ट ऑफिस पोर्टल के जरिए राष्ट्रीय ध्वज के लिए ऑनलाइन ऑर्डर कर सकता है. डाक विभाग ने बताया है कि अभियान के तहत तिरंगे की बिक्री और वितरण की सुविधा के लिए, स्वतंत्रता दिवस से पहले अवकाश के दिन में भी सभी डाकघर कार्यरत रहेंगे. यह भी पढ़े: Har Ghar Tiranga: पीएम मोदी सहित इन नेताओं ने बदली अपने सोशल मीडिया अकाउंट की DP, जानें क्यों खास है आज का दिन

ई-पोस्ट ऑफिस पोर्टल से करें ऑर्डर

सभ लोगों तक राष्ट्रीय ध्वज आसानी से उपलब्ध कराने के लिए देशभर के डाक घर 25 रुपये की दर पर राष्ट्रीय ध्वजों की बिक्री करेंगे। बड़ी संख्या में नागरिक ई-पोस्ट ऑफिस पोर्टल ( bit.ly/3QhgK3r ) के माध्यम से राष्ट्रीय ध्वज के लिए ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं:

कब तक कर सकते हैं ऑर्डर

डाक विभाग इन ध्वजों को देश के भीतर किसी भी पते पर बिना किसी डिलीवरी शुल्क के पहुंचा रहा है। डाक विभाग ने नागरिकों से 12 अगस्त, 2022 की अर्ध-रात्रि से पहले ऑनलाइन ऑर्डर करने का अनुरोध किया है ताकि राष्ट्रीय ध्वज समय पर उपलब्ध कराए जा सकें। देश भर में सभी डिलीवरी डाकघर और अन्य महत्वपूर्ण डाकघर सार्वजनिक अभियान का समर्थन करने के लिए खुले रहेंगे।

कैसे करें ऑर्डर

–सबसे पहले bit.ly/3QhgK3r पोर्टल पर जाएं

–लिंक पर जाकर लॉग इन करें

–एड टू कार्ड पर क्लिक करें

–इसके बाद अगर आपको एक से ज्यादा झंडे लेने है तो संख्या बढ़ा सकते हैं

–Buy Now पर क्लिक करें और मोबाइल नंबर एड करें

–फोन नंबर पर OTP आएगा, ओटीपी भरने के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी करें

तिरंगे को स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ने किया डिजाइन

–देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का मूल डिजाइन आंध्र प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया द्वारा डिजाइन किया गया था। वह महात्मा गांधी जी के विचारों से प्रभावित थे, और उनके कहने पर उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को डिजाइन किया था:

–हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में बने चक्र में 24 तीलियां होती हैं, जो अशोक चक्र की प्रतीक हैं। यह चक्र सम्राट अशोक के अनेक शिलालेखों में पाया गया है:

–72 महिलाओं के एक समूह का नेतृत्व करते हुए हंसा मेहता ने स्वतंत्र भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 14-15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि में संसद में प्रस्तुत किया। 15 अगस्त 1947 को सुबह 10:30 बजे भारत ने इतिहास बनते देखा। यह वह दिन था, जब लुई माउंटबेटन ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के लिए रास्ता दिया था, जिसे पहली बार संसद में ध्वज मस्तूल पर उठाया गया था: