राजस्थान में तेज हुई आरक्षण की मांग, गुर्जर महापंचायत ने राजस्थान सरकार को दी 1 नवंबर तक की मोहलत
गुर्जर महापंचायत ने गहलोत सरकार को दी चेतावनी (Photo Credits: ANI)

जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में एक बार फिर गुर्जर आरक्षण की मांग तेज हुई है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने शनिवार को बयाना में महापंचायत (Gujjar Mahapanchayat) की और उनकी आरक्षण संबंधी मागों को मानने के लिए राजस्थान सरकार को 1 नवंबर तक का समय दिया. बयाना के अड्डा गांव में आयोजित महापंचायत में समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि समाज 1 नवंबर तक सरकार की कार्रवाई का इंतजार करेगा, उसके बाद भी अगर मांगों पर काम नहीं हुआ तो वह आंदोलन करेगा. उन्होंने कहा कि हम शांति से अपना हक चाहते हैं.

बैंसला ने कहा कि खेती बाड़ी के काम और त्योहारी सीजन को देखते हुए हमने 1 नवंबर तक का समय रखा है. उन्होंने कहा,' सरकार को भी 1 नवंबर तक का समय मिल गया है. उसके बाद भी अगर मांगों पर काम नहीं हुआ तो समाज आकर पटरी पर बैठ जाएगा.' सरकार की ओर से आला अधिकारियों की कर्नल बैंसला से बातचीत के बारे में उन्होंने कहा कि अधिकारी कोई ठोस प्रस्ताव लेकर नहीं आए जबकि हम चाहते हैं कि हमारी मांगों पर काम हो.

गहलोत सरकार को चेतावनी:

गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा, मैं सरकार को चेतावनी दे रहा हूं. स्थिति को देखते हुए, मैं सरकार को एक बार फिर से कुछ समय दे रहा हूं. हम 1 नवंबर को निर्णय लेंगे - हमारी मांगें पूरी होंगी या हम आंदोलन शुरू करेंगे.

समिति की प्रमुख मांगों में आरक्षण को केंद्र की 9वीं अनुसूची में शामिल करवाना, बैकलॉग की भर्तियां निकालने व प्रक्रियाधीन भर्तियों में पूरे पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाना शामिल है. गुर्जरों की इस महापंचायत को देखते हुए बयाना, भरतपुर में चौकसी बढ़ा दी थी और आला अधिकारियों को सचेत रहने को कहा था. जयपुर से आईएएस अधिकारी नीरज के. पवन भी बैंसला से मिले थे और वार्ता की पेशकश की थी. कई इलाकों में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था.

बीजेपी इस मामले में कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने मामले को उलझाया है और वह केवल गुर्जरों को आश्वासन देकर काम चला रही है. हालांकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि गुर्जर समाज की नौंवी अनुसूची संबंधी मांग केंद्र सरकार पूरी कर सकती है और समाज के नेताओं को इस बारे में राज्य के 25 बीजेपी सांसदों से बात करनी चाहिए.

(इनपुट भाषा से भी)