कोरोना लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) से देशभर में प्रवासी मजदूर संकट में हैं. रोजगार खो चुके ये मजदूर बस अपने गृह राज्य लौटना चाहते हैं. एक ओर मजदूरों के पेट पर लात पड़ी है तो दूसरी ओर पुलिस की मार. मजदूरों के दोहरी मार का ताजा मामला अहमदाबाद (Ahmedabad) से आया है, यहां घर जाने की मांग कर रहे मजदूरों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. इस दौरान आंसूगैस के गोले भी छोड़े गए और कई मजदूरों को हिरासत में लिया गया. गुजरात के अहमदाबाद में सोमवार को एक सड़क पर कम से कम 100 प्रवासी कामगार इकट्ठा हो गए और उन्होंने पुलिसकर्मियों और लोगों पर पथराव किया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि प्रवासी कामगारों की मांग है कि उन्हें घर लौटने दिया जाए. शहर के पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने भीड़ तो तितर-बितर करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और कई संदिग्धों को हिरासत में ले लिया. उन्होंने बताया कि कम से कम 100 प्रवासी कामगार आईआईएम अहमदाबाद और वस्त्रपुर इलाके को जोड़ने वाली सड़क पर सुबह इकट्ठा हो गए और वहां से वाहनों पर गुजर रहे पुलिसकर्मियों और लोगों पर पथराव करने लगे. यह भी पढ़ें- कोरोना को लेकर अहमदाबाद में कैश पर रोक, होम डिलीवरी करने वालों को 15 मई से आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा अनिवार्य.
यहां देखें ट्वीट-
यहां PSP कंपनी के 1000 के करीब मजदूर रहते हैं। ये लोग IIM बिल्डिंग बनाने का काम करते हैं। यहां रहने वाले 550 के आस-पास यूपी-बिहार के लोगों को रेलवे और पुलिस ने उनके घर भेज दिया था।जो लोग यहां बचे थे पुलिस और कंपनी उनके लिए राशन पानी की व्यवस्था कर रही थी: प्रवीण माल DCP जोन 1 https://t.co/xDIzaoKHG0 pic.twitter.com/fsw8B1lK5j
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 18, 2020
घटना की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को वहां भेजा गया. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और स्थिति को नियंत्रित किया. उन्होंने बताया कि आरोपी कामगारों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. कई संदिग्धों को घटनास्थल से ही हिरासत में ले लिया गया है.
पुलिस हिरास्त में एक प्रवासी मजदूर ने बताया-हमें नहीं पता किसने पत्थरबाजी की थी हम तो अपने कमरे में खा-पीकर सो रहे थे. हमें कुछ नहीं पता. जोन 1 के DCP प्रवीण माल ने कहा, यहां PSP कंपनी के 1000 के करीब मजदूर रहते हैं. ये लोग IIM बिल्डिंग बनाने का काम करते हैं. यहां रहने वाले 550 के आस-पास यूपी-बिहार के लोगों को रेलवे और पुलिस ने उनके घर भेज दिया था. जो लोग यहां बचे थे पुलिस और कंपनी उनके लिए राशन पानी की व्यवस्था कर रही थी.
(इनपुट भाषा से भी)