गुजरात: सूरत में किया जाएगा 'What The Fart' प्रतियोगिता का आयोजन, सबसे तेज, जोरदार और सुरीले अंदाज में पादने वाले को मिलेगा पुरस्कार
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Image)

सूरत: आमतौर पर पादने (Farting) को लोग बुरा मानते हैं और अगर लोगों के सामने किसी को पाद आ जाती है तो उसे बहुत शर्मिंदगी महसूस होती है. जबकि पाद एक ऐसी प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसे चाहकर भी रोका नहीं जा सकता है. दरअसल, पाद व्यक्ति के पाचन क्रिया (Human Digestion Process) का एक सामान्य हिस्सा है. पाचन क्रिया के दौरान आंतों में उत्पन्न होने वाली गैस गुदा द्वार यानी एनस (Anus) के जरिए बाहर निकलती है. ऐसा अक्सर देखा जाता है कि जो व्यक्ति पादता है उस पर लोग हंसते हैं और उसे अजीब तरह से देखते हैं. पादने को भले ही लोग बुरा मानते हों, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि गुजरात के सूरत में पहली बार फार्टिंग प्रतियोगिता (Farting Contest) का आयोजन किया जाएगा. जी हां, 22 सितंबर को सूरत (Surat) में भारत का पहला 'व्हॉट द फार्ट' प्रतियोगिता (What The Fart Contest) का आयोजन किया जाएगा. इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले लोगों में जो सबसे तेज, जोरदार और सुरीले अंदाज में पादेगा, उसे पुरस्कार से नवाजा जाएगा.

दरअसल, इस तरह की प्रतियोगिता का आयोजन 48 वर्षीय यतिन संगोई (Yatin Sangoi) और उनके साथी मुल संघवी (Mul Sanghvi) के दिमाग की उपज है. इसके जरिए ये दोनों अगले पादशाह की तलाश कर रहे हैं. संगोई के मन में इस तरह की प्रतियोगिता के आयोजन का ख्याल उनके व्यक्तिगत अनुभव से आया है. बताया जाता है कि परिवार के साथ फिल्में देखने के दौरान उन्हें अक्सर पाद आती थी. चूंकि चीन, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में इस तरह के आयोजन किए जाते हैं, इसलिए उन्होंने भारत में भी ऐसी एक प्रतियोगिता का आयोजन करने का विचार किया. उनके इस मिशन को #FreeTheFart कहा जा रहा है, जिसमें काफी लोग दिलचस्पी दिखा रहे हैं. यह भी पढ़ें: केन्या: असेंबली में सदस्य की पाद से फैली बदबू , 10 मिनट के लिए रोकनी पड़ी कार्यवाही, मंगवाया गया रूम फ्रेशनर

संगोई के मुताबिक, फार्टिंग यानी पादना एक सामान्य प्रक्रिया है और वो इस प्रक्रिया को लोगों के लिए सहज और सामान्य बनाना चाहते हैं. उनका कहना है कि 20-25 साल पहले भी लोग खुलकर पादते थे, लेकिन अब लोग इसमें शर्म महसूस करते हैं और अक्सर सार्वजनिक जगहों पर पादने पर शर्मिंदा हो जाते हैं. जबकि पादना सेहत के लिए अच्छा है और डॉक्टर भी यह कहते हैं कि पादना अच्छी सेहत की निशानी है.

बहरहाल, इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए जयपुर, हैदराबाद और मुंबई जैसे कई शहरों से 40 से ज्यादा प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. इसका रजिस्ट्रेशन शुल्क 100 रुपए है और कोई भी व्यक्ति फेसबुक के जरिए संगोई को संपर्क कर सकता है. गौरतलब है कि इस प्रतियोगिता में जीतने वाले विजेताओं को 5,000 रुपए से लेकर 15,000 रुपए तक का नकद पुरस्कार दिया जाएगा. इस प्रतियोगिता में बतौर जज स्टैंड अप कॉमेडियन और डॉक्टर शामिल होंगे.