नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने डिजिटल मीडिया के जरिये समाचार और करंट अफेयर्स का प्रकाशन/प्रसारण करने वाली कंपनियों को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का नियम लागू करने के लिए कहा है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल मीडिया में एफडीआई पर नीति का एक महीने में अनुपालन करने का अनुरोध किया है. केट का अमेजन पर एफडीआई नीति के उल्लंघन का आरोप, कंपनी ने आरोपों को खारिज किया
डिजिटल मीडिया में अधिकतम 26 फीसदी एफडीआई के फैसले के पालन के लिए संस्थानों को एक महीने के अंदर जरूरी सूचनाएं, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को देनी होंगी. मंत्रालय ने इस संबंध में एक सार्वजनिक सूचना जारी की है, जिसमें निम्नलिखित बाते कही गयी है-
- 26 प्रतिशत से कम विदेशी निवेश वाली कंपनियों को एक महीने के अंदर सूचना और प्रसारण मंत्रालय को निम्नलिखित जानकारी प्रस्तुत करनी है-
(ए) निदेशकों/शेयरधारकों के नाम और पते के साथ कंपनी/संस्था के ‘शेयर होल्डिंग पैटर्न’ का विवरण
(बी) प्रमोटरों/महत्वपूर्ण लाभार्थी/मालिकों का नाम और पता
(ग) एफडीआई नीति, विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण संसाधन) विनियम, 2019 और विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भुगतान की विधि और गैर-ऋण साधनों की रिपोर्ट) के तहत मूल्य निर्धारण, प्रलेखन और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं के अनुपालन के संबंध में पुष्टि के साथ-साथ विगत और मौजूदा विदेशी निवेश और डाउनस्ट्रीम निवेश यदि कोई हो, के समर्थन में प्रासंगिक रिपोर्टिंग फॉर्मों की संबंधित प्रतियां भी संलग्न करनी होगी.
(डी) स्थायी खाता संख्या और नवीनतम लेखा परीक्षण, गैर-लेख परीक्षण/आय और हानि विवरण तथा लेखा परीक्षक की रिपोर्ट के साथ बैलेंस शीट देनी होगी.
- ऐसी कंपनियां, जिनके पास वर्तमान में 26 प्रतिशत से अधिक विदेशी निवेश के साथ इक्विटी ढांचा हैं, वे एक माह के अंदर सूचना और प्रसारण मंत्रालय को उपरोक्त अनुसार समान विवरण प्रस्तुत करेंगी और 15 अक्टूबर, 2021 तक विदेशी निवेश 26% तक कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मंजूरी लेंगी.
- देश में नया विदेशी निवेश लाने की इच्छुक किसी कंपनी (ए) को भारत सरकार की एफडीआई नीति और इस बारे में 2019 में जारी की गई अधिसूचना के तहत विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण साधन) (संशोधन) नियम, 2019 की जरूरतों के अनुसार डीपीआईआईटी के विदेशी निवेश सुविधा पोर्टल के माध्यम से केन्द्र सरकार की पूर्व अनुमति लेनी होगी.
- प्रत्येक कंपनी को निदेशक मंडल और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (जो भी नाम कहा जाए) की नागरिकता की आवश्यकताओं का अनुपालन करना होगा. कंपनियों में एक साल में 60 दिन से अधिक के लिए नियुक्ति, अनुबंध या परामर्श या कंपनी के कामकाज के लिए किसी अन्य क्षमता के तरीके द्वारा तैनात किए जाने वाले विदेशी कर्मियों के बारे में उनकी तैनाती से पूर्व सुरक्षा मंजूरी लिए जाने की आवश्यकता है. इस उद्देश्य के लिए कंपनियों को कम से कम 60 दिन पहले सूचना और प्रसारण मंत्रालय में आवेदन करना होगा और प्रस्तावित विदेशी कर्मियों की कंपनी द्वारा तैनाती इस मंत्रालय की पूर्व स्वीकृति के बाद ही की जा सकेगी.
उल्लेखनीय है कि अभी तक भारत में डिजिटल मीडिया संस्थानों के लिये कोई एफडीआई नीति नहीं थी. जबकि एफडीआई प्रिंट मीडिया के लिए 26 प्रतिशत और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए 49 प्रतिशत तय किया गया है. सार्वजनिक सूचना यहां क्लीक कर देखी जा सकता है.