नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को सोशल मीडिया (Social Media) के लिए नए दिशानिर्देश और ओटीटी (OTT) व डिजिटल मीडिया (Digital Media) के लिए नए कोड ऑफ इथिक्स जारी किए हैं. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) और सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने प्रेस को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी है. महाराष्ट्र: सोशल मीडिया पर आत्मघाती पोस्ट देखकर पुलिस ने जान बचायी
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के दुरुपयोग को रोकने के लिये नये दिशानिर्देशों की घोषणा की है. फजी खबरें फैलाने, सोशल मीडिया प्लेटफार्म के खुलकर दुरुपयोग किये जाने को लेकर चिंता उठती रही है. उन्होंने कहा “सरकार आलोचना और असंतोष के अधिकार का स्वागत करती है लेकिन सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज के लिए मंच का होना बहुत जरूरी है.”
उन्होंने कहा कि आपत्तिजनक कंटेंट को सबसे पहले किसने पोस्ट या शेयर किया इसकी जानकारी सरकार या न्यायालय द्वारा मांगे जाने पर देना आवश्यक होगा. साथ ही टेक कंपनियों को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और हर 6 महीने में सरकार को रिपोर्ट देनी होगी. (सोशल मीडिया के लिए नए दिशानिर्देश और ओटीटी व डिजिटल मीडिया के लिए कोड ऑफ इथिक्स देखने के लिए यहां क्लीक करें)
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया के लिए निम्नलिखित नियम बताये है-
- प्रसारण के संबंध में संपूर्ण जानकारी देनी होगी.
- ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम के लिए अलग पोर्टल/सिस्टम बनाना होगा.
- रिटायर्ड हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जज की अध्यक्षता में सेल्फ रेग्ययूलेशन बॉडी बनानी होगी.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों को भारतीय कानून का अनुसरण करने को कहा है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपराधी और आतंकी भी कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर अभद्र चीजें दिखाई जा रही, जिसकी कई शिकायतें मिलीं हैं. उन्होंने कहा कि शिकायत के बाद सोशल मीडिया से आपत्तिजनक पोस्ट 24 घंटे में हटानी होगी.