लखनऊ, 3 फरवरी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा प्रदेश की जनता को अब बाढ़ को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं. वह सरकारें चली गईं, जिनके समय में बाढ़ बचाव की परियोजनाएं बारिश से ठीक पहले शुरू होती थीं और बाढ़ में ही डूब जाती थीं. मुख्यमंत्री योगी बुधवार को अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग (Irrigation and Water Resources Department) की बाढ़ बचाव से जुड़ी 146 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 170 परियोजनाओं का शिलान्यास कर रहे थे. कहा कि वर्तमान सरकार बाढ़ की समस्या से स्थायी निजात दिलाने के लिए नियोजित कार्य कर रही है. सतत प्रयासों से न केवल बाढ़ के सीजन में जनजीवन सुरक्षित रहा है, बल्कि खेतों की सिंचाई क्षमता में भी इजाफा हुआ है.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि, "बाढ़ आपदा की दृष्टि से 2017 में प्रदेश के 24 जिले अति संवेदनशील थे, जबकि 16 जिले संवेदनशील श्रेणी में थे. बावजूद इसके, न कहीं बाढ़ बचाव की कोई व्यवस्थित कार्ययोजना थी, न राहत सामग्री की. लेकिन वर्तमान सरकार ने स्थानीय जरूरतों का आंकलन कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की, उन्हें लागू किया गया और जवाबदेही निर्धारित की. नतीजा आज काफी बड़े पैमाने पर बाढ़ से लोग सुरक्षित हुए हैं. व्यापक स्तर पर लोगों को सहायता मुहैया कराई गई है. यही नहीं, राज्य के इतिहास में पहली बार कुछ अभिनव प्रयोग भी किए गए. नदियों की ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन की व्यवस्थित कार्ययोजना बनाकर काम हुआ. इसके अच्छे परिणामों से उत्साहित तमाम जनप्रतिनिधियों ने इसे अपने क्षेत्रों में भी लागू करने की जरूरत बताई है." यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम, अन्नदाताओं को गांव-गाव हाट और बाजार उपलब्ध कराएगी योगी सरकार
सीएम योगी ने बाढ़ बचाव कार्य कार्यों की बेहतरी के लिए जियो टैगिंग और सीसीटीवी कैमरे लगवाने जैसे टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल करने के लिए जल शक्ति मंत्री और उनकी पूरी टीम की सराहना भी की. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि नदियों और बड़े नहरों की ड्रेजिंग अथवा सफाई से निकलने वाली बालू और सिल्ट के सम्बंध में तत्काल टेंडर कराएं. इससे जो राशि प्राप्त होगी उसे माइनिंग फंड में जमा कराएं, यह पैसा जनहित के काम आएगा. जलशक्ति मंत्री डॉ.महेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2013 में प्रदेश की 15 लाख हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित रही, जबकि लगातार किए जा रहे प्रयासों से इस बार केवल 12 हजार 05 हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हो सकी.