लखनऊ, 1 मई: इस साल फरवरी में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट के दौरान किए गए निवेश के वादे के तहत उत्तर प्रदेश में दो और मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल बनने जा रहे हैं. एक अस्पताल समूह ने लखनऊ में 400-बेड की सुविधा स्थापित करने में रुचि दिखाई है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग को वाराणसी-मिजार्पुर सीमा पर समान बिस्तर क्षमता वाले मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए एक और प्रस्ताव प्राप्त हुआ है.यह भी पढ़ें: Akhilesh Yadav on Nagar Nikay Chunav: अगले लोकसभा चुनाव के लिए अहम संदेश देगा उत्तर प्रदेश का नगरीय निकाय चुनाव- अखिलेश
एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, यूपी में नए चिकित्सा उपक्रमों में रुचि रखने वाले समूहों ने उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट -2023 में भाग लिया था. उन्होंने अब उन जमीनों की पहचान कर ली है, जहां वे अपना अस्पताल बनाएंगे. राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रक्रिया में देरी न हो, चाहे वह दस्तावेजीकरण के दौरान हो या विभागीय अनुमति लेने के लिए. इस बीच, एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इन इंडिया (एएचपीआई) के महानिदेशक डॉ. गिरधर ज्ञानी ने कहा कि राज्य सरकार को निजी अस्पतालों को सस्ती बिजली मुहैया करानी चाहिए.
एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स के महासचिव डॉ अभिषेक शुक्ला ने कहा, नए उद्यम के लिए दो दर्जन से अधिक बिंदुओं पर मंजूरी प्राप्त की जानी है. स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों के लिए एकल खिड़की प्रणाली के तहत सुचारु प्रसंस्करण वास्तव में बेहतर विकास कर सकता है. उत्तर प्रदेश में पहले से ही मेदांता और अपोलो जैसी मल्टी-स्पेशियलिटी चेन अपने अस्पताल चला रही हैं. मेदांता, जिसकी लखनऊ में उपस्थिति है, पूर्वी उत्तर प्रदेश पर ध्यान देने के साथ 44 जिलों में अपनी ओपीडी सेवाओं का विस्तार कर रहा है.