Ganesh Chaturthi 2020: मुंबई के लालबागचा राजा गणपति मंडल ने आरोग्य उत्सव मनाने के लिए गणेश चतुर्थी पर किया ब्लड और प्लाज्मा डोनेशन कैंप का आयोजन
लालबागचा राजा गणपति पंडाल (Photo Credits: ANI)

Ganesh Chaturthi 2020: गणेशोत्सव (Ganeshotsav) के दौरान हर साल लालबागचा राजा (Lalbaugcha Raja) के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है, जहां मन्नतों के राजा के दर्शन कर भक्त मुरादों की झोली भरकर अपने घर लौटते हैं, लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के चलते लालबागचा राजा गणपति मंडल (Lalbaugcha Raja Ganpati Mandal) ने गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) की प्रतिमा की स्थापना नहीं की है. हालांकि लालबागचा राजा गणपति मंडल की ओर से गणेश चतुर्थी पर एक सराहनीय पहल जरूर की गई है. दरअसल, गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के इस पावन अवसर यहां ब्लड और प्लाज्मा डोनेशन कैंप (Blood And Plasma Donation Camp) का आयोजन कर आरोग्य उत्सव (Arogya Utsav) मनाया जा रहा है. इस 11 दिवसीय अभियान को पंडाल समिति ने आरोग्य उत्सव का नाम दिया है, जिसका मकसद जीवन को बचाना है, क्योंकि ब्लड और प्लाज्मा घातक स्थितियों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

कोरोना संकट के बीच इस साल गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करने के बजाय रक्तदान और प्लाज्मा दान शिविर के आयोजन का फैसला पिछले महीने ही लिया गया था. बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने उन सभी पर अंकुश लगाया था जो 4 फीट से अधिक ऊंची मूर्तियों की स्थापना करते हैं. दरअसल, लालबागचा राजा समिति द्वारा हर साल 18-20 फीट ऊंची गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है. लाखों की तादात में भक्त मन्नतों के राजा के दर्शन के लिए लालबागचा राजा के दरबार में पहुंचते हैं. यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2020 Celebrations: श्री सिद्धिविनायक मंदिर की आरती से लेकर ड्राई फ्रूट से बने गणपति बप्पा तक, देखें देश में कैसे मनाया जा रहा है गणेशोत्सव (Watch Pics & Videos)

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मंडल अध्यक्ष बालासाहेब सुदाम कांबले का कहना है कि इस साल कोविड-19 के कारण हम गणेश पंडाल के बजाय इस शिविर का संचालन कर रहे हैं. आयोजकों को उम्मीद है कि अगले साल गणेशोत्सव का जश्न सामान्य हो जाएगा. गौरतलब है कि पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पर्व इस महामारी के कारण प्रभावित हुआ है. अधिकांश राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों ने सार्वजनिक जुलूसों पर रोग लगा दी है. बीएमसी द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश के अनुसार भक्तों को बाल्टी या ड्रम का उपयोग करते हुए गणेश प्रतिमाओं को अपने घरों में ही विसर्जित करने के लिए कहा गया है.