गुवाहाटी: असम में पिछले छह दिनों में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है, जबकि राज्य के 10 जिलों में पांच लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें नगांव, कछार और मोरीगांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अधिकारियों ने कहा कि 13 मई से, जब से प्री-मानसून बाढ़ ने अपना असर दिखाना शुरू किया, बच्चों सहित 30 लोगों की मौत हो गई - 25 बाढ़ में और शेष पांच विभिन्न जिलों में भूस्खलन में मारे गए.
बाढ़ प्रभावित 10 जिलों में से अकेले नगांव जिले में सबसे ज्यादा 3,11,397 लोग प्रभावित हुए, जबकि कछार में 1,47,995 लोग और मोरीगांव जिले में 41,036 लोग प्रभावित हुए. एएसडीएमए के अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ की स्थिति में सुधार के बावजूद, राज्य के 34 में से 10 जिलों में अब तक 799 गांवों के 1,28,752 बच्चों सहित कम से कम 5,00,852 लोग प्रभावित हुए हैं.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 35,384 हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है. 201 राहत शिविरों में कुल मिलाकर 62,289 लोग रह रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन ने सभी प्रभावित क्षेत्रों में 106 राहत वितरण केंद्र भी खोले हैं.
बाढ़ प्रभावित असम जिलों का अध्ययन करने के लिए गुरुवार को गुवाहाटी पहुंची सात सदस्यों की अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) अब दो समूहों में विभाजित प्रभावित जिलों का दौरा कर रही है.
सेना, भारतीय वायु सेना, असम राइफल्स, विभिन्न अर्ध-सैन्य बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, नागरिक सुरक्षा के साथ-साथ जिला प्रशासन फंसे लोगों के बचाव और असहाय पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को राहत प्रदान करने के लिए के लिए चौबीसों घंटे काम में जुटी हुई है.
आईएएनएफ ने दीमा हसाओ जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 10 मीट्रिक टन खाद्यान्न गिराया है. कोपिली नदी का पानी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है.