चंडीगढ़: भारतीय वायुसेना (IAF) के बेड़े में शामिल होने के लिए पांच राफेल विमानों का पहला जत्था आज (29 जुलाई) दोपहर हरियाणा (Haryana) के अंबाला एयरबेस (Ambala Air Base) पहुंचेगा. रणनीतिक और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला एयरबेस पर वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauria) राफेल विमानों की अगवानी करेंगे. राफेल विमानों को स्क्वाड्रन नंबर-17 में शामिल किया जाएगा, जिसे 'गोल्डन एरोज' के नाम से भी जाना जाता है. जिसके मद्देनजर एयरबेस के करीब चार गांवों में धारा-144 लगाई गई है. साथ ही लैंडिंग के दौरान लोगों द्वारा छतों पर इकट्ठा होना और फोटोग्राफी करने पर रोक है.
फ्रांस के बंदरगाह शहर बोरदु में मेरिग्नैक एयरबेस से सोमवार को पांच राफेल विमानों का पहली खेप रवाना हुई थी. ये विमान लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अंबाला पहुंचेंगे. इसमें से तीन विमान एक सीट वाले और दो विमान दो सीट वाले है. फ्रांस से अंबाला तक अपनी लंबी उड़ान के बीच ये पांचों विमान करीब सात घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने के बाद संयुक्त अरब अमीरात में अल दफरा एयरबेस पर लैंड किया था और फिर भारत के लिए उड़ान भरी. भारत के रास्ते में, पांच राफेल विमानों में फ्रांसीसी टैंकर ने बीच हवा में भरा ईंधन
Indian Air Force appreciates the support provided by French Air Force for our Rafale journey back home. @Armee_de_lair @Indian_Embassy @Dassault_OnAir #Rafale#IndianAirForce pic.twitter.com/7Ec8oqOJmr
— Indian Air Force (@IAF_MCC) July 28, 2020
Haryana: First batch of five Rafale aircraft will arrive in Ambala today to join the India Air Force (IAF) fleet. Visuals from Ambala city.
Sec 144 CrPC imposed in 4 villages closer to Ambala airbase. Gathering of people on roofs & photography during landing strictly prohibited. pic.twitter.com/llbDp6ZC4G
— ANI (@ANI) July 29, 2020
भारतीय वायुसेना में राफेल विमानों के आने से युद्धक क्षमता में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोत्तरी होगी. राफेल जेट का पहला स्क्वाड्रन अंबाला एयरबेस पर जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल के हासिमारा बेस पर रहेगा. अंबाला एयरबेस को भारतीय वायुसेना का महत्वपूर्ण बेस माना जाता है क्योंकि यहां से भारत-पाकिस्तान सीमा महज 220 किलोमीटर की दूरी पर है.
हालांकि, राफेल विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल करने के लिए मध्य अगस्त के आसपास समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है.
भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था. भारत ने जो 36 राफेल विमान खरीदे हैं उनमें से 30 लड़ाकू विमान जबकि छह प्रशिक्षु विमान हैं. पहला राफेल जेट पिछले साल अक्टूबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस यात्रा के दौरान भारतीय वायुसेना को सौंपा गया था. (एजेंसी इनपुट के साथ)