जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों और सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई है और इस मुठभेड़ में पांच आतंकी मारे गए हैं वहीं सेना के दो जवान घायल हुए हैं.दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में गुरुवार को एक मुठभेड़ में कम से कम पांच आतंकवादी मारे गए और दो भारतीय सेना के जवान घायल हो गए. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि उन्होंने पांचों आतंकवादियों के शव ढूंढ़ लिए हैं.
मीडिया रिपोर्टों में अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना की संयुक्त टीम ने कद्देर गांव की घेराबंदी की.
पुलिस ने बताया कि जब वे लक्ष्य पर पहुंच रहे थे, तभी छिपे हुए आतंकवादी एक घर से बाहर निकले और सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की और सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की. सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई.
जम्मू-कश्मीर: कठुआ में आतंकी हमले में पांच जवान मारे गए
स्थानीय आतंकी होने की संभावना
इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने पुलिस सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा कि उन्हें गांव में चार से पांच आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी और सबसे अधिक संभावना है कि वे स्थानीय ही हों.
सेना के चिनार कॉर्प्स ने जानकारी देते हुए बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया इनपुट के आधार पर भारतीय सेना ने कुलगाम में एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया. सेना के जवानों ने संदिग्ध गतिविधियां देखी.
इस साल कुलगाम में यह दूसरी बड़ी मुठभेड़ है. 8 जुलाई को जिले में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में छह आतंकवादी मारे गए थे और दो जवान शहीद हो गए थे.
बढ़ रहीं आतंकवादी वारदात
जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में कई आतंकवादी वारदात सामने आई हैं. जिसके बाद सेना और पुलिस ने घाटी में आतंक रोधी ऑपरेशन तेज कर दिए हैं. दो महीने पहले 28 अक्टूबर को सुरक्षाबलों ने अखनूर इलाके में तीन आतंकवादी मार गिराए थे.
यहीं नहीं आतंकियों के निशाने पर प्रवासी मजदूर भी रहते हैं, जिन पर वे हमला कर घाटी में दहशत का माहौल बनाने की कोशिश करते हैं. इसी साल 20 अक्टूबर को गांदरबल जिले के गगनगीर में एक सुरंग परियोजना पर काम कर रहे कर्मचारियों के एक अस्थायी कैंप पर संदिग्ध आतंकवादियों ने हमला कर दिया.
हमले में सुरंग बनाने वाली कंपनी के सात कर्मचारी मारे गए और कम से कम पांच कर्मचारी घायल हुए थे. मरने वालों में दूसरे राज्यों के अलावा स्थानीय लोग भी शामिल थे. ये सभी बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू और कश्मीर के रहने वाले थे.
सेना का कहना है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद से 720 से अधिक आतंकी मारे गए हैं.
इसी साल जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव हुए थे और इंडिया गठबंधन की सरकार बनी थी. नई सरकार बनने के बाद से अलग-अलग आतंकी घटनाओं में 15 लोगों की जान जा चुकी है. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को नई सरकार मिली.