Fact Check: PMO के नाम पर 'हर घर एक नौकरी' का फर्जी वादा, बेरोजगार युवा न करें भरोसा, PIB ने बताया सच

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक नोटिफिकेशन लेटर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यालय (PMO) "हर घर एक नौकरी" योजना के तहत देश के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने जा रहा है.

PIB Debunks Fake 'Har Ghar Ek Naukri' Letter

Fact Check: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक नोटिफिकेशन लेटर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यालय (PMO) "हर घर एक नौकरी" योजना के तहत देश के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने जा रहा है. इस कथित लेटर पर "PMO Office" की हेडिंग और भारत सरकार का लोगो भी छपा है, जिससे यह असली जैसा दिख रहा है. लेटर में कहा गया है कि यह योजना 2024 में शुरू हुई थी और मार्च 2025 में लागू की गई. इसमें राज्य और केंद्र सरकार की मदद से युवाओं को नौकरी देने की बात कही गई है.

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जब यह लेटर तेजी से वायरल होने लगा और लोग इसे सच मानने लगे, तब पीआईबी फैक्ट चेक ने इसकी सच्चाई उजागर की. PIB ने स्पष्ट किया कि यह नोटिफिकेशन फर्जी है और प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया गया है.

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PIB फैक्ट चेक ने खोली पोल

PIB ने लोगों से अपील की कि इस तरह के फर्जी लेटर पर विश्वास न करें और किसी भी नियुक्ति या सरकारी योजना से जुड़ी जानकारी के लिए केवल संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट ही देखें.

PIB ने लोगों को चेताया कि वे फर्जी खबरों से सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध जानकारी, फोटो या वीडियो की जांच कराने के लिए उसे PIB को भेजें. इसके लिए WhatsApp नंबर 8799711259 और ईमेल ID factcheck@pib.gov.in पर संपर्क किया जा सकता है.

"हर घर एक नौकरी" योजना से जुड़ा प्रधानमंत्री कार्यालय का जो लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वह पूरी तरह से फर्जी है. केंद्र सरकार ने ऐसा कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया है. बेरोजगार युवाओं और आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे दावों की सच्चाई जाने बिना उन पर विश्वास न करें.

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