सावन के आखिरी सोमवार और  ईद-उल-अदहा एक ही दिन, शिया नेता की कुरबानी न देने की अपील
केएच नकवी ( फोटो क्रेडिट- ANI )

उत्तर प्रदेश (UP) के शिया नेता (shia leader) और युनाइटेड शिया मूवमेंट के जनरल सेक्रेट्री केएच नकवी ने मुसलमानों से आगामी 12 अगस्त को पड़ने वाले ईद-अल-अदहा (Eid al adha 2019) को कुर्बानी न करने की अपील की है. दरअसल इस बार 12 अगस्त को सोमवार के दिन ईद-उल-अदहा और सावन महीने का आखिरी सोमवार एक साथ है. केएच नकवी ने लोगों से अपील की और कहा कि सावन के सोमवार के आखिरी दिन बड़ी संख्या में शिवभक्त मंदिर जाते हैं. ऐसे में लोग 12 अगस्त को जानवरों की कुर्बानी न दें और इस दिन केवल नमाज पढ़ें.

बता दें कि सावन के पवित्र महीने की शुरुआत 17 जुलाई से हो चुकी है. सावन को भगवान शंकर का महीना माना जाता है. हिंदू कैलेंडर का पांचवा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. उत्तर भारत में सावन के महीने का बहुत महत्व है. जानें सावन के सोमवार के व्रत की तारीख और इसका महत्व है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष 17 जुलाई बुधवार से श्रावण प्रारंभ हो रहा है, जो 15 अगस्त तक रहेगा. इसमें कुल चार सोमवार (22 एवं 29 जुलाई तथा 5 एवं 12 अगस्त) होंगे. इन चारों ही सोमवार को व्रत किया जाता है.

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वहीं इस्लाम धर्म में ईद-इल-फित्र के दो तीन महीने बाद ईद-उल-जुहा (Eid al-Adha) का त्योहार मनाया जाता है.ऐसा माना जा रहा है कि भारत में बकरीद का चांद आज दिखाई दे सकता है. वैसे पूरी दुनिया की निगाहें सऊदी अरब (Saudi Arab) के मक्का मस्जिद पर टिकी होती है. जहां कल चांद दिखाई दिया है. जिसके बाद सऊदी में 11 अगस्त को बकरीद मनाई जाएगी. बताना चाहते है कि यह कुर्बानी का त्यौहार है.

इस्लाम (Islam) धर्म का यह दूसरा प्रमुख त्यौहार है. इसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है. ईद-उल-जुहा (Eid Ul Zuha) के दिन मुसलमान भाई किसी जानवर जैसे बकरा, भेड़, ऊंट आदि की कुर्बानी देते हैं. इस कुरबानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है. एक खुद के लिए, एक सगे-संबंधियों के लिए और एक गरीबों के लिए.