नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए नई शिक्षा नीति (New Education Policy, NEP) को मंजूरी देते हुए एचआरडी मंत्रालय (HRD Ministry) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) कर दिया है. सरकार के इस फैसले से माना जा रहा है इस नई शिक्षा नीति से भारतीय शिक्षा पद्धति में एक नया बदलवा होगा. सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कैबिनेट ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी है. उच्च शिक्षा में प्रमुख सुधारों में 2035 तक 50 फीसदी सकल नामांकन अनुपात का लक्ष्य और एक से ज्यादा प्रवेश/एग्जिट का प्रावधान शामिल है.
वही केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “पीएम मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई. यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि 34 सालों से शिक्षा नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था. मुझे उम्मीद है कि देशवासी इसका स्वागत करेंगे. यह भी पढ़े: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, मानव संसाधन और विकास मंत्रालय का नाम अब शिक्षा मंत्रालय हुआ
कैबिनेट ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020; को मंजूरी दी। उच्च शिक्षा में प्रमुख सुधारों में 2035 तक 50% सकल नामांकन अनुपात का लक्ष्य और एक से ज्यादा प्रवेश/एग्ज़िट का प्रावधान शामिल है: भारत सरकार pic.twitter.com/tTVfyIvZR3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 29, 2020
नई शिक्षा नीति से जुड़ीं प्रमुख बातें
- नई शिक्षा नीति में शिक्षा का अधिकार (राइट टू एजुकेशन ) कानून के दायरे को व्यापक बनाया गया है. अब 3 साल से 18 वर्ष के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के अंदर लाया जाएगा
- इस नई शिक्षा नीति का उद्देश्य प्रि-प्राइमरी एजुकेशन (3 से 5 साल के बच्चों के लिए) को सभी के लिए 2025 तक उपलब्ध कराना है. इसके जरिए आधारभूत साक्षरता और अंको का ज्ञान सभी को उपलब्ध कराना लक्ष्य होगा.
- बच्चों को आर्ट्स, साइंस, स्पोर्ट्स, ह्यूमनिटीज़ और वोकेशनल विषयों के बीच चुनने की ज्यादा छूट दी जाएगी.
- नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत नया करीकुलर और शैक्षणिक स्ट्रक्चर को लागू किया जाएगा.
- बच्चे 2 से 8 साल के बीच काफी तेजी से भाषा को सीख लेते हैं और कई भाषाएं जानना मस्तिष्क पर काफी सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है. इसलिए शुरू से ही तीन भाषाएं पढ़ाई जाएंगी.
- 1968 में जब से नई शिक्षा नीति को लागू किया गया, तभी से त्रिभाषा फार्मूला को फॉलो किया जा रहा है. बाद में 1986 और 1992 और 2005 की शिक्षा नीति में भी इसको जारी रखा गया. इस नई शिक्षा नीति में भी इसे लागू रखा जाएगा.
- भारतीय क्लासिकल लैंग्वेज को बचाने के लिए हर छात्र 6-8वीं ग्रेड में एक क्लासिकल लैंग्वेज पढे़गा. इससे छात्र क्लासिकल लैंग्वेज को सीख पाएंगे.
- सभी स्टूडेंट्स को स्कूल के सारे स्तरों पर फिजिकल ऐक्टिविटी और एक्सरसाइज में शामिल होंगे.
- इसमें स्पोर्टस्, योग, खेल, मार्शल आर्ट्स, डांस, बागाबानी और भी तमाम चीजें स्थानीय स्तर पर टीचर्स और सुविधाओं की उपलब्धता के आधार पर शामिल किया जाएगा.
- राज्य स्तरीय स्वतंत्र स्टेट स्कूल रेग्युलेटरी अथॉरिटी बॉडी को बनाया जाएगा. यह इकाई हर राज्य के लिए होगी.
- एक नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी ताकि अलग अलग क्षेत्रों में रिसर्च के प्रस्तावों की फंडिंग की जा सके.
- नई शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय शिक्षा आयोग भी बनाया जाएगा. भारत के प्रधानमंत्री इसकी अध्यक्षता करेंगे. यह देश में शिक्षा के विकास, मूल्यांकन और नीतियों लागू करने का काम करेगा.