Assembly Elections 2021: पांच राज्यों में बजा चुनावी बिगुल, EC ने चुनाव की तारीखों का किया ऐलान, 2 मई को आएंगे नतीजे
सुनील अरोड़ा, भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (Photo Credits: ANI)

Assembly Elections 2021:  साल 2021 में देश के पांच राज्यों- पश्चिम बंगाल (West Bangal), असम (Assam), केरल (kerala), तमिलनाडु (Tamil Nadu) और पुडुचेरी (Puducherry) में विधानसभा के चुनाव (Assembly Elections) होने वाले हैं. अब इन राज्यों में चुनावी बिगुल बज गया है, क्योंकि चुनाव आयोग ने इन राज्यो में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. आज (शुक्रवार) शाम 4.30 बजे चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होने वाले चुनावों के तारीखों की घोषणा कर दी है. आपको बता दें कि देश के इन पांच राज्यों में से एक असम में बीजेपी की सरकार है, जबकि पुडुचेरी में पिछले हफ्ते ही कांग्रेस की सरकार गिर गई थी, जिसके बाद वहां राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है.

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (Sunil Arora Chief Election Commissioner of India) ने विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान करते हुए बताया कि विधानसभा चुनावों के दौरान कुल 824 विधानसभा क्षेत्र चुनाव के लिए जाएंगे. तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुदुचेरी के 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे.

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पश्चिम बंगाल में 8 चरण में मतदान कराए जाएंगे, जिसके अंतर्गत पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा, दूसरे चरण का 1 अप्रैल को, तीसरे चरण का 6 अप्रैल, चौथे चरण का 10 अप्रैल, जबकि 17 अप्रैल को पांचवें चरण, 22 अप्रैल को छठे चरण, 26 अप्रैल को सातवें चरण और 29 अप्रैल को आठवें यानी अंतिम चरण के लिए मतदान संपन्न कराया जाएगा.

पश्चिम बंगाल में 8 चरण में चुनाव 

असम में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. पहले चरण के लिए 27 मार्च, दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल और तीसरे चरण के लिए 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे, जबकि वोटों की गिनती 2 मई को होगी.

असम में तीन चरण में चुनाव

तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक ही चरण में मतदान संपन्न कराए जाएंगे. इन राज्यों में विधानसभा के लिए 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे, जबकि 2 मई को वोटों की गिनती की जाएगी.

तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में चुनाव 

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि पश्चिम बंगाल में साल 2016 में 77,413 चुनाव केंद्र थे, लेकिन अब उनकी संख्या बढ़ाकर 1,01,916 की जाएगी. असम में साल 2016 विधानसभा चुनाव में 24,890 चुनाव केंद्र थे, लेकिन 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या बढ़कर 33,530 होगी. वहीं तमिलनाडु में 2016 विधानसभा चुनाव में 66,007 चुनाव केंद्र थे, पर 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 88,936 होगी. जबकि केरल में पहले 21,498 चुनाव केंद्र थे, अब यहां चुनाव केंद्रों की संख्या 40,771 होगी.

हालांकि इससे पहले आयोग के सूत्रों ने बताया था कि पश्चिम बंगाल में 6 से 8 चरण में चुनाव हो सकते हैं, जबकि असम में तीन चरणों में मतदान को संपन्न कराया जा सकता है. तीन राज्यों केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक ही चरण में मतदान कराए जाने की संभावना है. हालांकि चारों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में वोटों की गिनती एक ही दिन की जाएगी.

बात करें पश्चिम बंगाल की तो राज्य विधानसभा की कुल 294 सीटे हैं, जिनमें से सीएम ममता बनर्जी की सत्तारूढ़ टीएमसी के पास 209 सीटें हैं, बीजेपी के पास 27, कांग्रेस के पास 23, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्कसिस्ट) के पास 19 रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के पास 2, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के पास 2, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के पास 2 सीटे हैं, जबकि 10 सीटें खाली हैं. यह भी पढ़ें: Assembly Elections 2021: पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में कब बजेगा चुनावी डंका? शाम 4:30 बजे EC करेगा ऐलान

कुल 126 सीटों वाली असम विधानसभा में सत्तारूढ़ के बीजेपी के 60 विधायक हैं और सीएम सर्बानंद सोनोवाल राज्य का कार्यभार संभाल रहे हैं. वहीं कांग्रेस के पास 19, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के पास 14, असम गण के परिषद के पास 13, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के पास 11 और निर्दलीय के पास एक सीट है, जबकि 8 सीटें खाली हैं.

केरल विधानसभा में कुल 14 सीटे हैं, जिनमें से 140 निर्वाचित और एक सीट नामित होती है. पिनराई विजयन की सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के पास 91 सीटे हैं, जबकि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के पास 43, एनडीए के पास 1 और केरल जनपक्षम सेक्युलर के पास 1 सीट है. वहीं 4 सीटें खाली हैं.

तमिलनाडु विधासभा की कुल 234 सीटों में से सीएम पलानीस्वामी की सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के पास 124 विधायक हैं, जबकि डीएमके के पास 97, कांग्रेस के पास 7, इंडियन मुस्लिम लीग के पास 1 और अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़घम के पास 1 सीट है, वहीं चार सीटें खाली पड़ी हैं.

गौरतलब है कि पुडुचेरी में विधानसभा की कुल 33 सीटे हैं, जहां वी नारायणसामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस और डीएमके गठबंधन वाली सरकार थी, लेकिन पिछले हफ्ते ही यहां की सरकार गिर गई थी, जिसके बाद से यहां राष्ट्रपति शासन लागू है. पुडुचेरी विधासभा के लिए 30 सदस्य निर्वाचित होते हैं, जबकि तीन नामित किए जाते हैं.