Porsche Accident Pune: पुणे पोर्श एक्सीडेंट में ब्लड सैंपल में हेरफेर करनेवाले डॉ.अजय तावरे किडनी रैकेट में थे शामिल, पुलिस बनाएगी सह आरोपी
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 पुणे, महाराष्ट्र: पुणे के कल्याणीनगर कार हादसे में पहले से ही आरोपी ससून अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अजय तावरे की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि डॉ. तावरे को अब किडनी रैकेट के एक पुराने मामले में भी सहआरोपी बनाया जा रहा है. यह मामला एक निजी अस्पताल में अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट से जुड़ा है.बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर इलाके में पिछले वर्ष 18,19 मई की रात 17 साल 8 महीने के नाबालिग आरोपी ने बाइक सवार सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई, घटना के समय आरोपी नशे में था, वह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था.आरोपी को हादसे के बाद हिरासत में लिया गया था, लेकिन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने उसे 15 घंटे बाद ही जमानत दे दी थी.

जमानत की शर्तों के तहत उसे सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने, ट्रैफिक पुलिस के साथ कुछ दिन काम करने और 7,500 रुपए के दो बेल बॉन्ड भरने को कहा गया था.इसके बाद पूरे देश में गुस्सा फ़ैल गया था और लोगों ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड पर भी उंगलियां उठाई थी. ये भी पढ़े:Pune Car Accident Case: पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में आरोपी किशोर को राहत नहीं, बॉम्बे HC ने खारिज की याचिका, 20 जून को होगी अगली सुनवाई

बिल्डर के बेटे को बचाने के लिए सबूत नष्ट करने का आरोप

कल्याणीनगर हादसे के बाद सामने आया कि डॉ. तावरे और उनके सहयोगी डॉ. श्रीहरी हलनोर ने बिल्डर विशाल अग्रवाल के नाबालिग बेटे को बचाने के लिए उसका खून का नमूना नष्ट कर दिया था. बताया गया कि उन्होंने ब्लड सैंपल को कचरे में फेंक दिया, ताकि केस में उसे बचाया जा सके.

किडनी रैकेट मामले में पहले ही चल रही थी जांच

इससे पहले कोरेगांव पार्क पुलिस स्टेशन में एक निजी हॉस्पिटल में अवैध किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर केस दर्ज किया गया था. इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित की गई थी, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को भी शामिल किया गया. जांच के दौरान सामने आया कि डॉ. अजय तावरे का इस रैकेट में सीधा संबंध रहा है.

येरवडा जेल में बंद, अब दूसरी FIR में भी कार्रवाई संभव

डॉ. तावरे इस समय कल्याणीनगर हादसे के सिलसिले में येरवडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. लेकिन अब जब उनका नाम किडनी रैकेट में सामने आया है, तो पुणे पुलिस इस मामले में भी उन्हें सहआरोपी बनाकर आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

 डॉक्टर पर दो गंभीर आरोप

एक ही व्यक्ति पर दो गंभीर अपराधों के आरोप .एक ट्रैफिक हादसे में सबूत मिटाने का और दूसरा मानव अंग तस्करी जैसा अपराध ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है. यह मामला अब सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे चिकित्सा क्षेत्र और कानून व्यवस्था की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह बन गया है.