Pune Car Accident Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘पुणे पोर्शे कार दुर्घटना’ के आरोपी 17 वर्षीय किशोर को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है. HC ने किशोर की निगरानी होम रिमांड 25 जून तक के लिए बढ़ा दी है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 जून को होगी. दरअसल, आरोपी की चाची ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसमें किशोर को अवैध हिरासत में रखने का दावा करते हुए उसकी तत्काल रिहाई की मांग की थी. इस पर कोर्ट ने कहा कि अभी अंतरिम राहत देते हुए रिहा करने की जरूरत नहीं है.
सुनवाई के दौरान पुणे पुलिस ने अभियोजकों के माध्यम से किशोर की सुरक्षा का हवाला देते हुए उसे 14 दिन के लिए निगरानी गृह में रखने का अनुरोध किया था.
आरोपी किशोर की चाची ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा था कि यह एक दुर्घटना थी और जिस व्यक्ति के वाहन चलाने के बारे में कहा जा रहा है वह नाबालिग था. वहीं पुणे पुलिस का प्रतिनिधित्व करने वाले सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने याचिका की स्वीकार्यता को चुनौती दी और दलील दी कि किशोर सुधार गृह में कानूनी हिरासत में है. बता दें, यह घटना 19 मई 2024 को घटी थी, जब किशोर नशे की हालत में तेज गति से पोर्शे कार चला रहा था. इस दौरान उसकी कार पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक बाइक से टकरा गई थी. इस हादसे में दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर- अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी.