कोलकाता, 17 नवंबर: केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) (सीबीआई) ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय को बताया कि, उप महानिरीक्षक अखिलेश सिंह को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) प्रमुख नियुक्त करने में वह असमर्थ हैं. सीबीआई के वकील ने गुरुवार को अदालत को सूचित किया कि अखिलेश सिंह को 15 नवंबर, 2022 को सीबीआई की सेवाओं से मुक्त कर दिया गया है और वह असम के अपने मूल कैडर में वापस जाएंगे और वहां जल्द ही राज्य पुलिस महानिरीक्षक के रूप में शामिल होंगे. यह भी पढ़ें: Data Breach: सावधान! 10 में से 6 भारतीय डेटा चोरी के लिए लोन देने वाली कंपनी को मानते हैं जिम्मेदार, पढ़िए पूरी रिपोर्ट
बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय (Justice Abhijit Gangopadhyay) ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के पुनर्गठन का आदेश दिया और अखिलेश सिंह को टीम की कमान संभालने का भी आदेश दिया. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने सीबीआई को यह भी निर्देश दिया कि वह सिंह को अगले सात दिनों के भीतर कोलकाता रिपोर्ट करने और गठित एसआईटी का कार्यभार संभालने के लिए कहे.
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने आदेश दिया कि जब तक मामले की जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाएगी, सिंह को न तो कोलकाता से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा और न ही कोई अन्य कार्यभार दिया जाएगा. हालांकि, गुरुवार को सीबीआई ने बेंच को सिंह से मामले की जांच कराने में आने वाली तकनीकी दिक्कतों के बारे में बताया.
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने तीन नामों की एक सूची तैयार करने का आदेश दिया है जो एसआईटी का नेतृत्व कर सकते हैं. शुक्रवार को फिर से मामले की सुनवाई होगी.