Delhi Air Pollution 2025: दिल्ली एक बार फिर स्मॉग की चादर में लिपट गई है. रविवार को हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई, जिससे राजधानी का आसमान धुएं और धूल से भर गया. ठंड बढ़ने के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से आने वाले पराली के धुएं ने हालात और बिगाड़ दिए. दिल्ली की हवा में घुला ये जहर लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल बना रहा है.
371 पर पहुंचा AQI
रविवार शाम 4 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 371 दर्ज किया गया, जो शनिवार के 366 से थोड़ा अधिक था. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, यह स्तर 'बहुत खराब' (Very Poor) श्रेणी में आता है. बता दें कि 301 से 400 के बीच AQI 'बहुत खराब' और 400 से ऊपर 'गंभीर' (Severe) श्रेणी में माना जाता है.
दिल्ली के कुछ प्रदूषण हॉटस्पॉट इलाकों में हवा की स्थिति और भी खराब रही. पंजाबी बाग में AQI 425, बवाना में 410 और जहांगीरपुरी में 401 दर्ज किया गया. वहीं मुण्डका, नेहरू नगर और वज़ीरपुर जैसे इलाकों में AQI 400 के आसपास रहा.
ठंड और धुएं की डबल मार
रविवार को तापमान गिरकर 11.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व नीचे की ओर जम गए. पीएम 2.5 (PM2.5) सबसे बड़ा प्रदूषक बना रहा, जिसने दिल्ली की हवा को खतरनाक बना दिया. सुबह के वक्त हालात सबसे खराब थे, जब AQI 391 तक पहुंच गया था, जो ‘गंभीर’ स्तर की दहलीज पर था.
हालांकि दोपहर बाद हवाओं की गति 20 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने से थोड़ी राहत मिली और प्रदूषण में हल्की गिरावट आई.
पराली जलाने से राहत
डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले अनुमान था कि रविवार को दिल्ली के पीएम 2.5 स्तर में पराली जलाने का योगदान करीब 30% रहेगा, लेकिन असल में यह घटकर सिर्फ 5.38% रह गया. अगले तीन दिनों में यह और कम होने का अनुमान है, हालांकि मंगलवार तक यह फिर बढ़कर लगभग 9% तक पहुंच सकता है.
घर में रहने की अपील
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों को फिलहाल ज्यादा बाहर निकलने से बचना चाहिए. प्रदूषण के चलते आंखों में जलन, सिरदर्द और गले में खराश की शिकायतें बढ़ रही हैं.
सरकार की ओर से ग्रैप (GRAP) के चौथे चरण के तहत निर्माण कार्यों पर रोक और डीजल वाहनों की जांच जैसी सख्तियां लागू की गई हैं.













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