नई दिल्ली: लॉकडाउन में जहां कुछ लोगों को जीना सीखाया दिया की कैसे मुसीबत के दिनों में भी जिंदगी जिया जा सकता है. क्योंकि कुछ के कारोबार बंद हुए थे तो कुछ की नौकरियां गई. लेकिन लोगों ने हिम्मत नहीं हारा लॉकडाउन के समय जैसे-तैसे लोगों ने जिंदगी को जिया. लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) में कुछ ऐसे लोग भी पाए गए, जिनका कारोबार बंद होने पर उन्होंने गलत रास्ता अपना लिया. ऐसा ही एक मामला दिल्ली से आया है. यहां जामा मस्जिद के पास रहने वाले सैयद मो. इमरान का कारोबार बंद होने पर वह नकली नोट छापकर बाजार में चलाने लगा. लेकिन राज खुलने पर गिरफ्तार हो गया है.
इमरान के इस गोरख धंधे का राज तब खुला. जब वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास एक ई-रिक्शा वाले को उसने 50 का नोट दिया तो उसे कुछ शक हो गया. जिसके बाद रिक्शे वाले ने वहीं पर पेट्रोलिंग कर रहे पुलिस वाले को इसकी दी. पुलिस ने जब इमरान की तलाशी ली तो उसके पास से 27,450 रुपये मिले. जिसके बाद पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन लेकर आई. जहां पर इमरान के बारे में राज खुला की लॉकडाउन में उसका धंधा चौपट होने के बाद वह पिछले कुछ दिनों से प्रिंटर की मदद से नकली नोट छाप रहा था. यह भी पढ़े: कोलकाता पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 192000 नकली नोट के साथ एक गिरफ्तार
पुलिस के पूछताछ में आरोपी इमरान ने बताया कि जब उसका कारोबार बंद हो गया तो उसने अपना घर चलाने के लिए एक आइडिया सोचा, वह था नोट छपने का. इसके लिए वह पहले यू-ट्यूब से नकली नोट छापने के बारे में सीखा . जिसके बाद उनसे बढ़िया किस्म का प्रिंटर व कागज बाजार से लेकर आया. फिर वह 50 और 100 के नोट छपने लगा. जिन नोटों को भीड़- भाड़ वाले इलाकों में रात के समय में चला देता था. पुलिस के पूछताछ में इमरान ने इस बात को कबूल कर चुका है कि उसने अब तक काफी सारे नकली नोट को छापकर बाजार में चला चुका है.